Kashi ka News. हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में साइबर सुरक्षा जागरूकता पर गोष्ठी का आयोजन।

 हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में साइबर सुरक्षा जागरूकता पर गोष्ठी का आयोजन। 

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 8 अप्रैल, हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्व श्याम मोहन अग्रवाल कमेटी कक्ष में “साइबर सुरक्षा” विषय पर एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसकी थीम थी “सजग नागरिक, सुरक्षित राष्ट्र”।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह (साइबर क्राइम शाखा, वाराणसी) ने कहा कि आज की पीढ़ी सोशल मीडिया पर जितनी तेज़ है, उतनी ही तेज़ी से वह साइबर अपराधियों के निशाने पर भी है। आपकी एक छोटी सी लापरवाही, आपकी पहचान, डाटा और पैसे को खतरे में डाल सकती है। उन्होंने फेक जॉब ऑफर, लॉटरी स्कैम, इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर फ्रॉड, और फर्जी हेल्पलाइन नंबर स्कैम जैसे नए तरीकों की भी जानकारी दी और बताया कि आजकल ठग सरकारी योजना या छात्रवृत्ति के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता साइबर एक्सपर्ट श्यामलाल गुप्ता, जो पिछले 12 वर्षों से राष्ट्रीय साइबर एजेंसी से जुड़े हैं, ने बताया कि हाल ही में एक केस में एक छात्रा को ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये फंसा कर उसके निजी दस्तावेज चुरा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि अब एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और डीपफेक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के भी लोगों की आवाज और चेहरा नकली वीडियो में बदल कर ठगी की जा रही है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर, रिव्यू और परमिशन को ज़रूर जांचें। साथ ही सोशल मीडिया पर ओटीपी, आधार, बैंक डिटेल्स या लोकेशन शेयर न करें।

इस अवसर पर तकनीकी प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों द्वारा कई महत्वपूर्ण प्रश्नो -“अगर कोई हमारे नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर अश्लील सामग्री पोस्ट करे तो क्या करें?,“क्या पब्लिक वाई-फाई से बैंकिंग करना सुरक्षित है?,“कैसे पहचानें कि कोई वेबसाइट असली है या नकली?, आदि की अतिथिद्व्य वक्ताओं ने कानूनी धाराओं एवं तकनीकी उपायों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने एक साइबर सुरक्षा शपथ ली “हम जागरूक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो रजनीश कुंवर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा अब केवल तकनीकी विषय नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी बन गई है। हमें एक ऐसे डिजिटल समाज की ओर बढ़ना है, जहां तकनीक लाभकारी हो, न कि खतरे की घंटी।

इस अवसर पर छात्रों द्वारा एक लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई जिसमें दिखाया गया कि किस प्रकार एक छात्र फर्जी लिंक पर क्लिक करके अपने सारे पैसे गंवा बैठता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ सोनल सिंह ने व धन्यवाद ज्ञापन चीफ प्रॉक्टर प्रो अशोक कुमार सिंह द्वारा किया गया।