Kashi ka News विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की मांगों के समाधान में अड़ंगा लगाते हैं- जे एन तिवारी

विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की मांगों के समाधान में अड़ंगा लगाते हैं- जे एन तिवारी

ब्यूरो आनन्द सिंह अन्ना 
वाराणसी। दिनांक 4 नवंबर, दिन शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण दुबे ने आज टाउनहॉल सिथत पराड़कर स्मृति भवन के सभागार में एक प्रेसवार्ता को संयुक्त रूप में संबोधित किया।
प्रेसवार्ता में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने पत्रकारों को अवगत कराया कि यद्यपि मुख्यमंत्री जी कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उनके समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली समस्याओं का निदान भी करने का प्रयास करते हैं। परंतु विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की मांगों के समाधान में अड़ंगा लगाते रहते हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पत्रों के आधार पर प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति के सभी रिक्त पदों को भरे जाने के निर्देश जारी किए हैं। बावजूद इसके खाद्य रसद, कौशल विकास विभाग सहित कई विभागों में पदोन्नतियां नहीं हो रही है। नगरीय परिवहन सेवाओं की हालत खस्ता है। पुरानी बसें जर्जर अवस्था में है। नई बसें सरकार खरीद नहीं रहीं है। सिटी बसों का संचालन प्राइवेट ऑपरेटरों से कराने की योजना पर सरकार कार्य कर रही है। सिटी यातायात में अगर प्राइवेट ऑपरेटर सक्रिय हो गए तो प्रदेश की जनता पर काफी बोझ पड़ेगा। प्राइवेट ऑपरेटरों के आने के कारण नगरीय परिवहन सेवाओं में पहले से कार्य कर रहे संविदा चालक परिचालक बेरोजगार हो जाएंगे।
महामंत्री अरुणा शुक्ला ने अवगत कराया की मुख्यमंत्री जी ने समाज कल्याण विभाग के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षकों के लिए संविदा राशि में संशोधन का आदेश जारी कर दिवाली का तोहफा दिया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग में लगभग 1100 संविदा शिक्षक हैं इन शिक्षकों का भविष्य अंधकार मय है। संयुक्त परिषद के महामंत्री ने मुख्यमंत्री जी से संविदा शिक्षकों को नियमित करने की मांग भी किया है। आउटसोर्स कर्मचारी के सेवा संरक्षण, वेतन संरक्षण, पुरानी पेंशन की बहाली, एनपीएस से संबंधित संशोधनों को प्रदेश में लागू किया जाना, आशा बहू के लिए प्रतिमाह मिलने वाला मानदेय निश्चित किया जाना, प्रदेश के कर्मचारियों को दिवाली से पूर्व बोनस एवं महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाना, प्राथमिक शिक्षकों के मेरिट आधारित स्थानांतरण में असाध्य रोगों की सूची में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम सिंड्रोम को सम्मिलित किया जाना, संविदा कर्मियों के निजी अनुरोध को स्वीकार करते हुए एवं पारस्परिक स्थानांतरण की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना, खाद्य रसद विभाग में कैडर रिव्यू एसीपी का लाभ एवं पदोन्नति के रिक्त पदों को भरे जाने की मांग राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद लगातार कर रही है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण दुबे ने अवगत कराया की मंडलीय स्तर पर प्रेस वार्ता कर व्यापक प्रचार प्रसार का अभियान संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री द्वारा चलाए जा रहा है। मंडलीय कार्यक्रमों की शुरुआत बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी से हुई है। अगली प्रेस वार्ता माँ विंध्यवासिनी की नगरी विंध्याचल में होगी। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने सभी कर्मचारी में यह संदेश प्रसारित किया है कि चुनावी वर्ष में कर्मचारियों को अपने दायित्वों की प्रतिबद्धता के साथ-साथ आपको हक की लड़ाई के लिए भी एक जुट रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा की पुरानी पेंशन का मुद्दा एक अहम मुद्दा है। इस मुद्दे पर पूरे देश के कर्मचारियों में एक राय बनती जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले देशव्यापी आंदोलन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला, नारायण दुबे, निरंजन श्रीवास्तव, स्वाति सिंह के अलावा मंडल के विभिन्न जनपदों के प्रतिनिधि एवं आश्रम पद्धति विद्यालयों के शिक्षक भी सम्मिलित थे।