जिलाधिकारी द्वारा वरुणा कॉरिडोर, यूनिटी मॉल व रामनगर बंदरगाह का औचक निरीक्षण।
ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 28 अप्रैल, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वरुणा नदी के चैनलाइजेशन और तटीय विकास परियोजना के अंतर्गत नगर क्षेत्र के शहरी नालों और घरेलू सीवेज के पानी के निस्तारण के मुद्दे का रविवार को स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश नाले चोक्ड हैं, केवल एक नाला ठीक से काम कर रहा है। विशेष रूप से वर्षा काल में इन नालों में जल भराव के कारण अत्यधिक मात्रा में सिल्ट और ठोस अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे नदी के तटीय क्षेत्रों में संरचनाओं की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस समस्या के अलावा, आईसी चैम्बर में लगे स्क्रीन की सफाई न होने के कारण सीवेज ओवर फ्लो होने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, नगर निगम, जल निगम और कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को आईआईटी, बीएचयू द्वारा तैयार की गई डिजाइन और ड्राइंग का अध्ययन कर समस्या का समुचित निस्तारण करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने अपर नगर आयुक्त को आदेश दिया कि वे कॉरिडोर के आस-पास की साफ़ सफाई सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी आदमपुर में प्रस्तावित यूनिटी मॉल के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने जीएम-डीआईसी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मॉल निर्माण से जुड़ी आवश्यक जानकारियाँ ली। इस दौरान उन्होंने डैम्प गार्बेज, पेड़ों की कटाई, हाईमास्ट लाइट टावरों, पानी की पाइपलाइन और विद्युत पोलों की शिफ्टिंग के कार्यों का भुगतान करने और निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त को कैंपस की बिल्डिंग का मूल्यांकन कराते हुए सक्षम अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति गठित कर ध्वस्तीकरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने रामनगर स्थित बंदरगाह का निरीक्षण किया, जहां भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि बरसात के दौरान आसपास की कॉलोनी और घरों का पानी बंदरगाह के बगल स्थित प्राकृतिक नाले से आ जाता है। इसके समाधान के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, जल निगम, नमामि गंगे और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की संयुक्त टीम गठित कर इस क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया।