Kashi ka News. जीएसटी 2.0 रेजीम:विकास और बदलाव करने हेतु सफल कदम-दीपक बजाज

 जीएसटी 2.0 रेजीम:विकास और बदलाव करने हेतु सफल कदम-दीपक बजाज

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। जीएसटी 2.0 रेजीम एमएसएमई के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला है, जो न केवल कर सुधार है, बल्कि एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने वाला एक संरचनात्मक परिवर्तन है। कम दरें, सरलीकृत प्रक्रियाएं, कार्यशील पूंजी को मजबूती और बेहतर लिक्विडिटी छोटे व्यवसायों को भारत की आर्थिक वृद्धि के मुख्य चालक बना सकते हैं। पूर्व में जहाँ 4 दरों के आधार पर जीएसटी को विभिन्न गुड्स एवं सर्विसेज में लागू किया गया था जिसमे काफी समय तक भ्रांतियां बनी रही तथा समय समय पर सुझाव भी अलग अलग स्तरों से सरकार को प्रस्तुत किये जाते रहे है, वहीं 5% एवं 18% की दरों में यह दुविधा अब न के बराबर होने की सम्भावना होगी। उक्त बाते आईआईए के महासचिव दीपक बजाज ने सरकार द्वारा किये गये नये जीएसटी रेजीम का स्वागत करते हुए कहा। उन्होंने बताया कि दीपक बजाज ने कहा कि हालाकि अभी इसे 22 सितम्बर से लागू किया जायेगा और इसे लागू करने की विभिन्न गाइड लाइन्स एवं अधिसूचनाएं भी आनी शेष है, इस पर टिप्पणी करना अत्यधिक कठिन है कि ये कितना एमएसएमई क्षेत्र के लिए लाभदायक और सकारात्मक होगा। हमारा ऐसा मानना है कि यह कदम निश्चित तौर पर एमएसएमई के बेहतर कल और विकास की ओर बदलाव करने में सहायक होगा। अगर एमएसएमई को होने वाले लाभों के बारे में बात की जाये तो इससे कृषि, निर्माण, कपड़ा आदि क्षेत्रों में कम इनपुट लागत लगेगी, रिफंड में तेजी आएगी, इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में आसानी होगी, कम विवाद और सरल डिजिटल फाइलिंग से व्यवसाय में आसानी एवं घरेलू और निर्यात बाजार दोनों में मांग में वृद्धि इत्यादि लाभ प्राप्त होंगे। यदि एमएसएमई उद्योगों की बात करे तो इसमें एफएमसीजी और रोजमर्रा के उत्पादों के स्लैब में गिरावट से इन उत्पादों का उत्पादन और बिक्री सस्ता हो जाएगा और एमएसएमईएस को मांग में बढ़त मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण पर पहले 28% जीएसटी था जो अब 18% हो गया है, इससे उत्पादन लागत कम होगी। छोटे पैसेंजर वाहन और मोटरसाइकिल/स्कूटर जैसे वाहन अब 18% स्लैब में आए हैं इससे ग्रामीण व मध्यम वर्ग के लिए वाहन सुलभ और किफायती होंगे। सीमेंट सहित निर्माण सामग्री पर 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे निर्माण लागत में लगभग 7-8% की कमी हो सकती है। यह उन एमएसएमई को खास तौर पर लाभ पहुंचाएगा जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन एसएमई या कंस्ट्रक्शन-संबंधित गतिविधियों में लगे हैं। जीवन व स्वास्थ्य बीमा, कई दवाइयों और मेडिकल उत्पाद (जैसे सर्जिकल गॉज, सिरिंज इत्यादि) अब 0-5% स्लैब में आए हैं। ट्रैक्टर, ट्रैक्टर पार्टस, खेती बाड़ी की मशीनें, ड्रिप इरिगेशन उपकरण आदि पर अब 5% जीएसटी है, इससे कृषि टेक और ग्रामीण बेस्ड एमएसएमई की लागत घटेगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। सोलर और विंड से संबंधित उपकरणों पर जीएसटी 5% है, जो क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देता है।सरकार ने एमएसएमई के हित के लिए कार्य किया है अब एमएसएमई को तैयार होना होगा और नए स्लैब कोड के लिए बिलिंग/ईआरपी सिस्टम अपडेट करने होंगे, कॉम्प्लैस्स परिवर्तनों पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना होगा, कर समायोजनों को दर्शाने के लिए अनुबंधों/मूल्य निर्धारण को संशोधित करना होगा तथा तेज़ी से रिफंड के लिए ट्रैकिंग सिस्टम स्थापित करना होगा।