Kashi ka News. कांग्रेसजनों द्बारा नगर आयुक्त का घेराव, सौंपा ज्ञापन।

 कांग्रेसजनों द्बारा नगर आयुक्त का घेराव, सौंपा ज्ञापन। 

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा “हमे बताए अपनी बात कांग्रेस आयी आपके द्वार” पदयात्रा पूर्ण होने के उपरान्त मंगलवार को कांग्रेसजन सिगरा स्थित बाल गंगाधर तिलक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जुलूस के रूप में नगर निगम मुख्यालय की ओर कूच किया। निगम मुख्यालय पर कांग्रेसजनों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि 10 दिनों के भीतर इन समस्याओं पर ठोस कार्यवाही की जाए, अन्यथा कांग्रेसजन नगर निगम के विरुद्ध व्यापक जन-आन्दोलन करेंगे। घेराव प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे है महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस आयी आपके द्वार पदयात्रा" के दौरान हमें जनता का असली दर्द दिखा। सीवर जाम, गंदा पानी, टूटी गलियाँ, बदहाल सफाई और बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटे, यह सब वाराणसी की सच्चाई है।नगर निगम सिर्फ़ टैक्स वसूलने में माहिर है, जनता को सुविधा देने में पूरी तरह विफल है। जिन काशीवासियों ने प्रधानमंत्री को सांसद चुना है, उन्हीं को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। काशी को क्योटो बनाने का वादा अब केवल कागजों में है, ज़मीन पर हकीकत इसके उलट है। कांग्रेस आयी आपके द्वार पदयात्रा में हमने पूरे महानगर के वार्ड-वार्ड का भ्रमण किया। इस दौरान हजारों लोगों ने हमें अपने घर बुलाकर समस्याएँ बताईं। हर गली, हर मोहल्ले से एक ही आवाज़ उठी, काशी बदहाल है, लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। सीवर ओवरफ्लो से गलियाँ बजबजा रही हैं, नलों से मटमैला पानी आ रहा है, सड़कें और गलियाँ गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, स्ट्रीट लाइटें महीनों से बंद हैं और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। वरुणा और गंगा किनारे के वार्डों में हालात इतने भयावह हैं कि लोग महामारी के डर से जी रहे हैं।हमने नगर आयुक्त को यह भी अवगत कराया कि नगर निगम का ठेका तंत्र भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। वाराणसी वेस्ट सॉल्यूशन कंपनी हर दिन जनता से कूड़ा शुल्क तो वसूलती है लेकिन घरों से कूड़ा उठाना बंद कर चुकी है। ठेकेदार और नगर निगम अधिकारी केवल कागज़ी काम दिखाकर पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता यह है कि महापौर अब चुने हुए पार्षदों के अधिकार तक छीन रहे हैं। राज्य वित्त आयोग से आए 7 करोड़ रुपये में से हर पार्षद को 7 लाख रुपये मिलना चाहिए था, लेकिन महापौर ने हर पार्षद के हिस्से से 1-1 लाख काटकर अपने लिए 1 करोड़ रुपये का विशेष कोष बना लिया। क्या नगर निगम अधिनियम 1959 की किसी धारा में महापौर को ऐसा अधिकार है? यह लोकतंत्र का सीधा अपमान है। यह जनता द्वारा चुने गए पार्षदों के अधिकारों पर डाका है। बीजेपी की नगर सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है। वह चाहती है कि विपक्षी पार्षद जनता के बीच बेबस नज़र आएँ ताकि जनता का गुस्सा विपक्ष पर निकले और सत्ता की जिम्मेदारी से बीजेपी बच निकले। लेकिन कांग्रेस साफ चेतावनी देती है कि अब जनता का हक़ छीनने नहीं दिया जाएगा। हमने नगर आयुक्त से कहा है कि 10 दिनों के भीतर वाराणसी की समस्याओं पर ठोस कार्रवाई और महापौर के इस ‘स्पेशल कोटा’ की लूट पर रोक लगाई जाए। यदि कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर बड़ा जनांदोलन करेंगे। यह लड़ाई सिर्फ पार्षदों के बजट की नहीं है, यह लड़ाई हर उस नागरिक के अधिकार की है जो टैक्स देता है और जिसके पैसे पर नगर निगम चलता है। वाराणसी की स्थिति इतनीय दयनीय है की सांसद, विधायक, तीन–तीन मंत्री, तीन एमएलसी, महापौर, डबल इंजन की सरकार फिर भी वास्तविक समस्या से जनता त्रस्त है। काशी की जनता अब जाग चुकी है। बीजेपी महापौर का यह तानाशाही फरमान जनता स्वीकार नहीं करेगी।कांग्रेस हर गली, हर मोहल्ले की आवाज़ बनेगी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आंदोलन को और धारदार करेगी। अगर प्रशासन ने 10 दिनों में ठोस कार्यवाही नहीं की, तो कांग्रेसजन सड़कों पर उतर कर बड़ा जनांदोलन करेंगे और जनता की आवाज़ को बुलंद करेंगे। उक्त घेराव कार्यक्रम में मुख्य रूप से राघवेन्द्र चौबे, संजीव सिंह, फसाहत हुसैन बाबू, गुलशन अली, वकील अंसारी, सतनाम सिंह, अरुण सोनी, रमजान अली, मयंक चौबे, अनुराधा यादव, घनश्याम सिंह, सुनील राय, अशोक सिंह, असलम खां, राजीव राम, वसीम अंसारी, विकास कौण्डिल्य, राम सुधार मिश्रा, हसन मेहदी कब्बन, विपिन मेहता, हाजी इस्लाम, प्रमोद वर्मा, आशिष केशरी, मनोज वर्मा मनु, खालिद सिद्दीकी, नरसिंह दास वर्मा, विपिन पाल, पीयूष श्रीवास्तव, अफसर खां, सदानन्द तिवारी, पवन चौबे, कुँवर यादव, सजीव श्रीवास्तव, पुलक त्रिपाठी, वंदना जायसवाल, गुरु प्रसाद यादव, संतोष चौरसिया, दीपक यादव, आशिष गुप्ता, अनिल पटेल, नासिर अली, रेखा श्रीवास्तव, मृतुन्जय श्रीवास्तव, शशी सोनकर समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।