नागरिक प्रचारिणी सभा में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
वक्ता प्रो० राधेश्याम दूबे ने कबीर ग्रंथावली के संपादन एवं संकलन से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। प्रो० मनोज सिंह ने पाठालोचन से सम्बंधित अनेक बिंदुओं पर प्रकाश डाला। प्रो० सुमन जैन ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग और बाबू श्यामसुंदर दास के विषय पर सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया। डॉ० अवंतिका सिंह ने बाबू श्यामसुंदर दास की आत्मा कथा 'मेरी आत्म कहानी' के अनेक मार्मिक प्रसंगों को उद्घाटित किया।
इस सत्र का संचालन ब्रजेश चंद्र पांडेय एव धन्यवाद ज्ञापन सुजाता यादव ने किया।
इस सत्र के वक्ताओं में प्रो० प्रभाकर सिंह, डॉ० सदानंद सिंह, डॉ० उमेश सिंह, प्रो० बंदना झा आदि ने बाबू श्यामसुंदर दास के बहुआयामी व्यक्तित्व पर अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये।
समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ० उदय प्रताप सिंह ने किया तथा संचालन ब्रजेश चंद्र पांडेय एव उक्त संगोष्ठी की संयोजिका प्रो० ऋचा सिंह ने समाहार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।