Kashi Ka News कुष्ठ रोग से मुक्ति हेतु सोमवार से शुरू होगा ‘स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान

कुष्ठ रोग से मुक्ति हेतु सोमवार से शुरू होगा ‘स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान।

ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी, 28 जनवरी 2023, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि यानि 30 जनवरी को एंटी लेप्रोसी डे (कुष्ठ निवारण दिवस) के रूप में मनाया जाता है। जनपद में इसी दिवस से ‘स्पर्श’ कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा, जो 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य टीम जनपदवासियों को कुष्ठ के बारे में जागरूक करेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी । 

सीएमओ ने बताया कि अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए जिलाधिकारी एस राजलिंगम के दिशा-निर्देश के साथ ही कुष्ठ मुक्त जनपद का संकल्प संदेश भी प्राप्त हो चुका है जिसको दिवस पर पढ़कर शपथ दिलाई जाएगी, इस बार दिवस की प्रमुख थीम "आइए कुष्ठ से लड़ें और कुष्ठ को इतिहास बनाएँ" रखी गई है, उन्होंने कहा कि जल्द जांच व समय से इलाज मिलने पर कुष्ठ पूरी तरह से ठीक हो जाता है और विकलांगता से भी बचा जा सकता है, सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसका इलाज मौजूद है।    

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि सोमवार को कुष्ठ निवारण दिवस मानते हुये जनपदवासी कुष्ठ मुक्त का संकल्प लेंगे और जागरूकता अभियान की शुरुआत की जाएगी, ग्राम सभा स्तर पर प्रधान भी शपथ दिलाएँगे, अभियान का उद्देश्य कुष्ठ के लक्षणयुक्त मरीजों को खोजकर व पुष्टि कराकर जल्द से जल्द मरीज को दवा खिलाने की शुरुआत करना है जिससे मरीज को विकलांगता से बचाया जा सके, जनपद में वर्ष 2017 से ही स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के लिए ग्रामीण व शहर के लिए कुल 195 टीमें बनाई गईं हैं, प्रत्येक टीम में एक आशा कार्यकर्ता तथा एक पुरुष सहयोगी है, यह टीमें घर-घर जाकर कुष्ठ के मरीजों को खोजेंगी, हर 20 टीम के पर्यवेक्षण के लिए एक-एक सुपरवाइजर तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लक्षण दिखने व पुष्टि होने के बाद मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) दवा चलेगी, वर्तमान में जिले में 75 कुष्ठ रोगियों का उपचार चल रहा है। 

क्या है कुष्ठ - रोग डॉ एके मौर्य ने बताया कि कुष्ठ एक दीर्घ कालीन संक्रामक रोग है जो माइक्रो बैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है, इसको हेनसन रोग के नाम से भी जाना जाता है जो मुख्यतः हाथों, पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की म्यूकोसा और श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है, यदि कुष्ठ रोग की पहचान जल्द से जल्द न हो तथा उसका समय से उपचार न हो तो यह स्थायी विकलांगता पैदा कर सकता है।  

कुष्ठ रोग के लक्षण-

1 - गहरी रंग की त्वचा के व्यक्ति-हल्के रंग के धब्बे और हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे अथवा लाल रंग के धब्बे।

2 - त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनहीनता (सुन्नपन)।

3 - हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी।

4 - हाथ, पैरों या पलकों में कमजोरी।

5 - नसों में दर्द।

6 - चेहरे, कान में सूजन या घाव।

7 - हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव।

डॉ मौर्य ने बताया कि ऐसे लक्षणयुक्त व्यक्ति को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराकर तुरंत एमडीटी दवा शुरू करना चाहिए।