Kashi ka News पत्रकारिता कबीर की वंशधर्मी और भारत की ऋषि परंपरा की वंशज- डॉ नीलकंठ

पत्रकारिता कबीर की वंशधर्मी और भारत की ऋषि परंपरा की वंशज- डॉ नीलकंठ।

ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी, आजादी के अमृत महोत्सव में हमें गुमनाम पत्रकारों और स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृतियों को भी संजोना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी में अपने को खो दिया और नयी पीढ़ी उनके कृत्यों से अब तक अंजान है। इस संदर्भ में स्कंदगुप्त और भभुआ निवासी क्रांतिकारी पत्रकार विक्रमादित्य सिंह के नाम को संदर्भित किया गया। पत्रकारिता कबीर की वंशधर्मी और भारत की ऋषि परंपरा की वंशज हैं।

यह विचार बुधवार को काशी पत्रकार संघ द्वारा पराड़कर स्मृति भवन में नवनिर्मित 'दीनानाथ गुप्त स्मृति सभागार' का लोकार्पण करते हुए शहर दक्षिणी के विधायक और पूर्व राज्यमंत्री (स्वतंत्रत प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी ने व्यक्त किए। उन्होने दीनानाथ गुप्त का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि पराड़कर युगीन रिपोर्टिंग की अंतिम कड़ी थे, उन्होंने ने रिपोर्टिंग क्षेत्र में एक नई धार दी।

आगतों का स्वागत संघ के अध्यक्ष सुभाषचन्द्र सिंह, संचालन महामंत्री डॉ अत्रि भारद्वाज और धन्यवाद ज्ञापन रोहित चतुर्वेदी ने किया।

इस अवसर पर संघ के कोषाध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष कमलेश चतुर्वेदी, उमेश गुप्ता, वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष चन्दन रूपानी, मंत्री पंकज त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष शंकर चतुर्वेदी, संघ के पूर्व अध्यक्ष विकास पाठक, बी बी यादव, राजनाथ तिवारी,रामातमा श्रीवास्तव, शैलेश चौरसिया, अरुण मिश्र, संजय मिश्र, देवकुमार केशरी, ए के लारी, अजय राय, पदमपति शर्मा, डाक्टर हिमांशु उपाध्याय, डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी, सुरेंद्र नारायण तिवारी, राधेश्याम कमल, कैलाश यादव, जियालाल, अजय मुखर्जी एडवोकेट, संजय सिंह, अखिलेश मिश्र, डॉ जितेंद्र नाथ मिश्र, प्रोफेसर राममोहन पाठक, सिटी चैनल के प्रबंध निदेशक संजय गुप्त, अश्वनी श्रीवास्तव, विनय शंकर सिंह, रामसुंदर मिश्र सहित बड़ी संख्या में पत्रकार एवं छायाकार उपस्थित रहे।

इस अवसर पर विशेष सहयोग के लिए सर्वश्री संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश कुमार गुप्त एवं कृष्ण देव नारायण राय और उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम चतुर्वेदी, रमेशचन्द्र राय और पूर्व पार्षद एवं संघ के पूर्व सदस्य शिवप्रकाश मौर्य का सम्मान किया गया।