भगवान परशुराम जयंती पर चतुर्वेद के ध्वनियों के साथ वाकपुष्प किया समर्पण।
ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 22 अप्रैल को अकारण करुणा वरुणालय भगवान भूत भावन काशी विश्वनाथ की त्रैलोक्य से प्यारी नगरी काशी में एवं मां गंगा के पावन तट पर विराजित काशी विश्वनाथ धाम के पवित्रतम प्रांगण में भगवान काशी विश्वनाथ के पावन संनिधान में आज भगवान परशुराम जयन्ती के पावन अवसर पर चतुर्वेद का पारायण प्रकृति एवं विकृति पाठ के द्वारा भगवान को चतुर्वेद की ध्वनियों के साथ वाकपुष्प समर्पण किया गया।
उक्त कार्यक्रम का आयोजन काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के द्वारा किया गया कार्यक्रम में न्यास परिषद के अध्यक्ष नागेंद पांडेय एवं सदस्य के वेंकटरमन घनपाठी जी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
उक्त कार्यक्रम में एसडीएम शम्भू शरण जी ने वैदिक विद्वानों का पूजन किया। न्यास परिषद के सदस्य के वेंकट रमन घनपाठी जी ने कहा वेद ही प्राण है समस्त सृष्टि का। वेद के विना सभी तत्व शून्य है। उन्होने कहा कि वेदोखिलो धर्ममूलं। वेद में सभी प्रकार के ज्ञान हैं। यदि मनुष्य वेद के अनुसार जीवन जीयेंगे तो परम आनंद पूर्वक रहेंगे। राष्ट्र निर्माण में भगवान परशुराम का योगदान बहुत है। जिन्होंने वेद के ज्ञान और विज्ञान से पूरे विश्व मे सनातन धर्म की पताका लहराई। सम्पूर्ण विश्व सुखी हो यही कामना से आज वेद पारायण किया गया। भगवान परशुराम के विचार और ज्ञान को प्रचारित करे।