डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर आयोजित संगोष्ठी संपन्न।
वाराणसी, जी-20 के अंतर्गत, आज हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में डॉ भीमराव अम्बेडकर के जयंती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
उक्त संगोष्ठी में डॉ भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्ष और वैश्विक पहचान पहचान पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी के संयोजक श्री बाबूजी ने स्वागत वक्तव्य एव विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ सुमित कुमार ने भारतरत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा किए गए संविधान निर्माण और स्त्री अधिकारों सम्बंधित कार्यों को याद किया।
मुख्य वक्ता अमित कुमार ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ अम्बेडकर बुद्ध, कबीर व फूले जी को अपना गुरु मानते थे। वह एक बेहतरीन विधीवेत्ता, महान समाजशास्त्री के साथ ही बेहद संवेदनशील मनुष्य थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन शोषित, वंचित और स्त्रियों के अधिकारों हेतु अर्पित कर दिया। उनके विचार समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की अवधारणा पर आधारित थे।
सुश्री निधी ने अपने वक्तव्य मैं डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा मजदूरों, स्त्रियों के लिए किए गए कार्यों का स्मरण किया।
इस अवसर पर सुश्री प्रज्ञा ओझा, रोशन कुमार जायसवाल, देवव्रत कर्मकार, सारांश लोहिया, सूर्य प्रताप सहित विभिन्न संकायों के छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।