Kashi ka News क्या मोदी जी की नई संसद और उसका लोकतांत्रिक विवेक हमारे देश की माताओं बहनों की अस्मिता और सम्मान को कुचल कर जागृत होगी?

क्या मोदी जी की नई संसद और उसका लोकतांत्रिक विवेक हमारे देश की माताओं बहनों की अस्मिता और सम्मान को कुचल कर जागृत होगी?

ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी, दिनांक 29 मई, देश के इतिहास में कल यानी (28) अट्ठाइस मई की तारीख़ यूं तो पहले से ही अपशकुन के रूप में देखी जाती रही है, क्योंकि यह तारीख एक चिर अभिषापित माफीवीर से जुड़ी हुई है, पर यह कितने दुर्भाग्य की बात है कि एक बार पुनः यह तारीख़ काले अक्षरों में लिखी गई, वस्तुतः कल दिनांक 28 मई को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ जहां लाइट, ऐक्शन कैमरे के बीहड़ में देश के नए संसद भवन का उद्घाटन कर, खुद को लोकतंत्र का सबसे बड़ा पैरोकार सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ उसी दिल्ली में ठीक नाक के नीचे जंतर मंतर पर पिछले छः से सात महीने से अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार तथा शोषण के विरुद्ध न्याय की मांग को लेकर अपने लोकतांत्रिक अधिकाओं के तहत धरनारत महिला पहलवानों के साथ दमनात्मक कार्यवाही करते हुए ओलंपिक और कामनवेल्थ जैसे वैश्विक प्रतिष्ठा के खेलों में पदक प्राप्त करने वाली हमारी महिला पहलवानों के साथ सरेआम मीडिया की मौजूदगी में बदसलूकी की गई। यह कितने शर्म की बात है। आखिर क्या गुनाह किया है हमारी इन बहनों ने? क्या खुद के साथ हुए जुल्म और अपराध के खिलाफ आवाज उठाना अपराध है? देश यह जानना चाहता है कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी की वह कौन सी कमजोर नब्ज है, जिसकी वजह से वे इन बेटियों के साथ हुए दुर्व्यवहार के दोषी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। क्या ये बेटियां भारत माता की बेटी नहीं हैं। मैं केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार से पूछना चाहता हूं कि- क्या आपका बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा जनता और देश के साथ छल है। एक तरफ आप नए संसद भवन का उद्घाटन कर, खुद को लोकतंत्र के सबसे बड़े पैरोकार सिद्ध करने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ आपके ही शासन में ठीक नाक के नीचे हमारी खिलाड़ी बहनों के साथ इस तरह का कुकृत्य । आज हालत इस कदर बद से बदतर हो चुके हैं कि महिला हिंसा के इंडेक्स में भारत काफी ऊंचाई पर आ चुका है । महिलाओं के खिलाफ हर तरह के अपराध का ग्राफ बढ़ा है । एक तरफ जहां केंद्र में मोदी सरकार के शासन में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर हुई तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में योगी महाराज के शासन में भी हमारी माताओं और बहनों के साथ हिंसा और अपराध की घटनाएं लगातार  बढ़ रही हैं, जोकि चिंतनीय हैं। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बड़ागांव में तथा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में एक बच्ची अनन्या श्रीवास्तव की निर्मम हत्या का मामला यह सब कुछ बयां करता है कि भाजपा के राज में हमारी माताओं बहनों की दशा क्या हो चुकी है? उन्होंने कहा कि "यह तो मैने आपको कुछ चुनिंदा घटनाओं के बारे बतलाया, जबकि हकीकत यह है कि इस तरह की अनेकानेक घटनाएं यूपी समेत अन्य दूसरे भाजपा नीत सरकारों में लगातार होती चली आ रही हैं।" उपरोक्त बातें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व विधायक श्री अजय राय जी ने जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में *नई दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के साथ हुए कल हुए पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ तथा साथ ही उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बिटिया अनन्या श्रीवास्तव की निर्मम हत्या प्रतिकार स्वरूप सिगरा स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पार्क से भारत माता मंदिर तक आयोजित कैंडल मार्च के दौरान पत्रकारवार्ता में कहा। अजय राय ने आगे कहा कि कांग्रेस का उद्भव आंदोलन से हुआ है। जब बात देश की माताओं -बहनों के सम्मान और अस्मिता की, देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक स्वरूप के रक्षा की होगी तो हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही अपने देश के हितों की रक्षा करने हेतु हमेशा पहली पंक्ति में मिलेंगे, क्योंकि हमारे लिए देश हमेशा से सर्वप्रथम था, है और रहेगा। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल,  शहीद भगत सिंह समेत उन अगणित महान पुण्यात्माओं के महान व पवित्र विचारों के अग्रवाह हैं। आजाद भारत में लोकतंत्र की जड़ों को जिस मजबूती के साथ हमारे महान क्रांतिमना महात्माओं ने रोपा था, हम उसपर तनिक भी दाग नहीं लगने देंगे, यह हमारा प्रण है। नई दिल्ली में महिला पहलवानों के साथ कल हुए पुलिसिया बर्बता के विरोध में आज आयोजित हुए इस प्रतिरोध कैंडल मार्च का संयोजन महानगर कांग्रेस कमेटी के महासचिव तथा निर्वाचित पार्षद प्रिंस राय खगोलन ने किया। कैंडल मार्च के प्रारंभ से पूर्व सिगरा स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर  माल्यार्पण कर उनको नमन करने के उपरांत शुरू हुआ तत्पश्चात यह कैंडल मार्च  चंदुआ सट्टी के पास स्थित विश्व प्रसिद्ध भारत माता मंदिर प्रांगण में समाप्त हुआ। इस बीच सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में महिला खिलाड़ियों के समर्थन में तख्तियां लेकर गगन भेदी नारे लगा रहे थे।
प्रतिरोध मार्च में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व विधायक अजय राय, प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक कांग्रेस शहनवाज आलम, राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, सरिता पटेल, फसाहत हुसैन बाबू, डॉ राजेश गुप्ता, अशोक सिंह, पार्षद गुलशन अली, प्रिंस राय खगोलन, असलम खान, बेलाल, संतोष मौर्य, राम सृंगार पटेल, इस्लाम जी, ओम प्रकाश राय, शशि कला, प्रमोद वर्मा, हसन मेहदी कब्बन, संजय निगम, आशीष गुप्ता, ऋषभ पाण्डेय, संदीप पल, मनीष मोरोलिया, अब्दुल हमीद डोडे, रोहित दुबे, परवेज खान, आशीष केशरी, मनोज यादव, राजकुमार मिश्रा, सैयद आफाक हुसैन, शान, किशन यादव, कृष्ण गौड़, इम्तियाज, राजा खां, जीशान राइन, सैयद आदिल खां, डिम्पल सिंह, पवन जायसवाल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।