माँ कूष्माण्डा के दरबार मे दक्षिण भारतीय तीर्थयात्री ने चांदी का दरवाज़ा भेट किया।
वाराणसी । दिनांक 11 जून, दुर्गा कुंड स्थित काशी के सुप्रसिद्ध, प्राचीन शक्तिपीठ मां दुर्गा के मंदिर में रविवार को सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान पंडित के वेंकटरमण घनपाठी के आचार्यत्व में हैदराबाद के श्रद्धालु भक्त प्रांजरी शंकरन ने माता कूष्माण्डा के दरबार मे चांदी का दरवाजा समर्पित किया।
आचार्य जी के अनुसार लगभग 28 किलो शुद्ध चांदी से निर्मित यह दरवाजा को काशी के कारीगरों ने बनाया है, कपाट पर सुन्दर नक्काशी की गई है। इस अवसर पर श्रद्धालु प्रांजरी शंकरन ने वैदिक मंत्रोंचार के बीच ललिता सहस्त्रनाम के साथ पुष्पार्चन किया। काशी के प्रमुख वैदिक विद्वानों ने वेद का घनपरायण प्रस्तुत किया।
कार्यकम मे प्रमुख रूप से वैदिक विद्वान पं राम घनपाठी, चंद्रशेखर घनपाठी, नारायण घनपाठी, श्रीनिवास घनपाठी, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक पं श्रीकांत मिश्र, आर शिवकुमार शास्त्री, आर शंकर नारायण, चन्दन द्विवेदी, चक्रवर्ती विजय नावड़, चंचल द्विवेदी आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।