Kashi ka News सर्व सेवा संघ को ध्वस्त करने का षड्यंत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की महान विरासत पर हमला है

सर्व सेवा संघ को ध्वस्त करने का षड्यंत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की महान विरासत पर हमला है।

ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना एवं विजय केशरी की रिपोर्ट 

वाराणसी। वाराणसी के राजघाट पर बने ऐतिहासिक महत्व के सर्व सेवा संघ को वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा अवैध घोषित कर इसे ध्वस्त करने के निर्णय की सूचना पर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने बेहद गंभीरता से लेते हुए इस पूरे प्रकरण पर अपने सोशल मीडिया के पेज ट्विटर एवं फेसबुक पर जहां अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी वहीं दूसरी तरफ वाराणसी कांग्रेस के स्थानीय कद्दावर नेताओं को निर्देशित किया कि वे इस पूरे प्रकरण पर जल्द से जल्द आगे की कार्यवाही को लेकर उनको तत्काल सूचित करें तथा इस राज्य सरकार और जिला प्रशासन के इस अवैध और गैर कानूनी कार्यवाही का विरोध कर, ऐतिहासिक महत्व के इस धरोहर को बचाने का हर संभव प्रयास करें। जो कौम अपने इतिहास और अपनी विरासत को खत्म करने का षड्यंत्र रचती है, इतिहास उसे खुद एक दिन इतिहास बना देता है, यह एक कड़वी सच्चाई है। यह कैसी विडंबना है कि जहां एक तरफ़ हमारा प्रधानमंत्री दुनिया के दूसरे देशों में जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर सर झुकाता है वहीं गांधीजी के देश में उनकी याद में बनाए गए संस्थानों और धरोहरों को ध्वस्त करने का भयानक दुस्साहस भी करता है।

उपरोक्त तल्ख टिप्पणी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रयागराज जोन के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व विधायक अजय राय ने भाजपा सरकार और वाराणसी प्रशासन के उस गैर कानूनी, हैरतअंगेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित आदेश के सापेक्ष में की जिसमे वाराणसी के राजघाट के पास आचार्य विनोवा भावे, पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री स्व लाल बहादुर शास्त्री एवं बाबू जगजीवन राम के प्रयास से राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए सर्व सेवा संघ की स्थापना की गई थी।

कांग्रेस प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी गहरी नाराजगी और रोष जताते हुए कहा कि आखिर जिस सर्व सेवा संघ की स्थापना इतिहास प्रसिद्ध महान पुण्यात्माओं ने पूरी वैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के उपरांत किया और जिसको बने कई दशक बीत गए, आखिर वह महान संस्थान एकाएक अवैध कैसे हो गया। सर्व सेवा संघ का निर्माण गांधी स्मारक निधि और सम्पूर्ण क्रांति के नायक बाबू जय प्रकाश नारायण ने जनता से दान संग्रह कर बनवाया था तथा इसकी जमीन भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोवा भावे और पूर्व प्रधानमंत्री स्व लाल बहादुर शास्त्री के सहयोग से सर्व सेवा संघ ने 1960, 1961 एवं 1970 में रेलवे से खरीदी, जिसका डिविजनल इंजीनियर उत्तर रेलवे, लखनऊ द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ तीन रजिस्टर्ड सेल डीड भी है। सन 1960 में 26730 रूपए की, सन 1961 में 3240 रूपए की एवं सन 1970 में खरीदी गई 4485 रुपए की है, जो क्रमशः ट्रेजरी चलान नंबर 171 दिनांक 5 मई 1959 एवं ट्रेजरी चलान नंबर 31, दिनांक 27. 4.1961 एवं ट्रेजरी चलान नंबर 3 दिनांक 18.1.1968 के माध्यम से भुगतान किया गया। यह सारा पैसा सरकार के खजाने में गया है।

अजय राय ने इस पूरे घटनाक्रम को एक बड़ी साजिश करार देते हुए कहा कि यह कितने शर्म और अफ़सोस का विषय है कि जिनके पूर्वजों ने अपना खुद का कोई इतिहास नही बनाया आज उनके ही वंशज दूसरों के स्वर्णिम इतिहास को मिटाने का जघन्य पाप कर खुद को अपने पूर्वजों के वास्तविक वंशज होने का डीएनए पेश कर रहे हैं, क्योंकि इनके डीएनए में सिर्फ और सिर्फ पाप कर्म ही लिखा है। अजय राय ने जिला प्रशासन और सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि - आखिर जिन महान पुण्यात्माओं ने अपने महान कर्मो से भारत का निर्माण किया, क्या आज की यह निरंकुश, अलोकतांत्रिक और अमर्यादित सत्ता उन्हे अपना प्रमाणपत्र देगी। सर्व सेवा संघ राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की विचारधारा का शीर्ष राष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना 1948 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई। इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, आचार्य कृपलानी, आचार्य विनोवा भावे, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, लोकनायक जय प्रकाश नारायण जैसी महान विभूतियां शामिल हुई थीं, फिर ऐसे ऐतिहासिक महत्व का स्मारक अवैध कैसे हो सकता है। अजय राय ने जिला प्रशासन और भाजपा सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या गांधी जी, पण्डित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री,आचार्य विनोवा भावे, बाबू जय प्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम जैसी महान विभूतियां भी आपकी नजरों में अवैध हैं। अजय राय ने इस प्रकरण को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार, जिला प्रशासन के रवैए और मंशा पर सवालिया निशान खड़ा करते कहा कि अगर जिला प्रशासन और राज्य सरकार सर्व सेवा संघ जैसे पवित्र धरोहर को ध्वस्त करने या अवैध घोषित करने के अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो हम कांग्रेस के लोग अपने धरोहर को बचाने के लिए सड़क पर उतरने को विवश होंगे।

महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने इस पूरे प्रकरण पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वस्तुतः यह सिर्फ सर्व सेवा संघ पर हमला नहीं है बल्कि यह उस महान विरासत पर हमला है जिसने भारत का निर्माण किया है। भारत के निर्माण में जिन महापुरुषों ने अपनी आहुति दी, आज इस भाजपा सरकार ने उनकी महान कुर्बानियों और उनके इतिहास प्रसिद्ध कार्यों को अवैध घोषित करने का दुस्साहस किया है, जोकि बेहद आपत्तिजनक है । शायद इन लोगों को गांधी सिर्फ एक शब्द भर नजर आता है जबकि हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए गांधी जीवन धारा हैं। हमारी अजस्र ऊर्जा के केंद्र हैं गांधी।