Kashi ka News ज्ञानवापी मंदिर ही नहीं अब साढे चार लाख मंदिर मुक्त कराने का लक्ष्य है-सुरेश चव्हाण

ज्ञानवापी मंदिर ही नहीं अब साढे चार लाख मंदिर मुक्त कराने का लक्ष्य है-सुरेश चव्हाण

ब्यूरो आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 30 जुलाई, श्री आदिमहादेव काशी धर्मालय  मुक्ति न्यास द्वारा आज चौकाघाट सिथत सांस्कृतिक संकुल के पद्म भूषण गिरजा देवी सभागार में जन जागरण हेतु "राष्ट्रीय समस्या एवं समाधान" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री ज्ञानवापी विश्वेश्वर मंदिर के अतीत स्वरूप के मॉडल का अनावरण भी किया गया।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि स्वामी दीपंकर जी महाराज एवं विशिष्ट अतिथि मनोज तिवारी सांसद दिल्ली, कपिल मिश्रा पूर्व विधायक दिल्ली व सुरेश चव्हाण प्रबंधक निदेशक सुदर्शन टीवी चैनल रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित करने के तत्पश्चात मुख्य अतिथि स्वामी दीपांकर महाराज जी के कर कमलों द्वारा श्री ज्ञानवापी विश्वेश्वर मंदिर के अतीत स्वरूप के माडल का अनावरण किया गया। इस अवसर पर अतिथीगणों द्वारा ज्ञानवापी का सच और सबूत संबंधित स्मारिका पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

संगोष्ठी की विषय स्थापना तथा अतिथियों का स्वागत करते हुए न्यास के संरक्षक तथा इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने कहा कि काशी की धर्म परायण जनता न्यायालय में पूरा विश्वास रखती है, हमें उम्मीद है शीघ्र ही न्यायालय से ज्ञानवापी मुक्ति का रास्ता प्रशस्त होगा। उन्होंने मंचासीन अतिथियों को काशी की जनता की ओर से विश्वास दिलाया कि हम तन मन धन से ज्ञानवापी मुक्ति हेतु प्रयास करेंगे।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि स्वामी दीपांकर जी महाराज ने उपस्थित जनमानस को ज्ञानवापी मुक्ति का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि हिंदू सदैव सहिष्णु रहा है, इसलिए अत्याचार सहना पड़ा। अब समय आ गया है कि हमे शांति के साथ-साथ क्रांति के रास्ते भी अपनाने चाहिए। 

संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि तथा मुख्य वक्ता के रूप में सुदर्शन टीवी चैनल के सुरेश चव्हाण ने कहा कि वीर शिवाजी द्वारा मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए मंदिरों के पुनरुद्धार किए जाने की चर्चा की, उन्होंने बताया कि समृद्ध होना सुरक्षित होने की गारंटी नहीं हो सकता, आज पाकिस्तान में मात्र 1% हिंदू का योगदान वहां की जीडीपी में 16% है वही भारत में 18% मुसलमानों का जीडीपी में योगदान 1.8% से भी कम है। उन्होंने कहा सिर्फ काशी, मथुरा की बात नहीं है देश में साढे चार लाख से ज्यादा मंदिरों को मुक्त कराना है। इस कार्य हेतु जी जान से लगे हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन को उन्होंने देवताओं के वकील की संज्ञा दी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने अपने ओजस्वी भाषण से उपस्थित जनमानस में ऊर्जा का संचार करते हुए उन्होंने आयोजकों से श्री ज्ञानवापी मंदिर के माडल संबंधित प्रदर्शनी दिल्ली में भी लगाने का अनुरोध करतें हुए कहा कि दिल्ली में प्रदर्शनी लगने से पूरे देश के सामने सच्चाई आयेगी कि किस तरह से हिन्दू संस्कृति को लूटेरों द्वारा मिटाने का कुकर्म किया गया।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत जी ने ज्ञानवापी का शास्त्रोक्त वर्णन करते हुए बताया कि स्कंध पुराण में ज्ञानवापी क्षेत्र की मंदिर की उत्पत्ति का पूरा विवरण दिया गया है।

मुख्य वक्ता के रूप में सांसद  मनोज तिवारी ने ज्ञानवापी प्रकरण के अधिवक्ता श्री हरि शंकर के बारे में बताते हुए कहा कि जिस तरह से तुलसीदास की रामचरित मानस को भगवान विश्वनाथ हस्ताक्षर कर प्रमाणित किया आज हरिशंकर जैन के लिए पुनः स्वयंम प्रकट होकर संसार को सच्चाई दिखा दिया।  उन्होंने अपने गीतों से सभागार  का माहौल भक्तिमय बना दिया।

कार्यक्रम का संचालन सुप्रीम कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन तथा धन्यवाद प्रकाश इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेश भाटिया ने किया।

कार्यक्रम के संयोजन में न्यास के डॉक्टर राम प्रसाद सिंह, संजीव त्रिपाठी आदि सदस्यों का योगदान रहा।

संगोष्ठी में प्रमुख रूप से सर्वश्री  मनोज मद्धेशिया, अरविंद रस्तोगी, यूअर सिंह, अनुज डिडवानिया, प्रशांत अग्रवाल, राहुल मेहता, नीरज पारीख,  आलोक भंसाली, ज्ञानेश्वर, रवि सराफ, कृष्ण कुमार खेमका,  अजय शास्त्री, अनुराग त्रिवेदी, आदि उद्यमियों के अतिरिक्त तमाम हिंदू धर्मावलंबियों  की उपस्थिति रही।