Kashi ka News उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद द्वारा आयोजित प्रांतीय सम्मेलन सम्पन्न

उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद द्वारा आयोजित प्रांतीय सम्मेलन सम्पन्न।

ब्यूरो आनन्द सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 28 सितम्बर, उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का प्रदेशीय सम्मेलन तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर शैक्षिक संगोष्ठी आज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ के सभागार में सम्पन्न हुआ। 
सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि अशोक गांगुली पूर्व निदेशक, सी0बी0एस0ई0 ने दीप प्रज्ज्वलन तथा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। 
अतिथियों का स्वागत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व सदस्य तथा सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ० हरेन्द्र कुमार राय ने किया। 
विषय प्रवर्तन संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी मण्डल राम शरण सिंह ने किया, उन्होने कहा कि शिक्षा का वही मॉडल सफल होता है जिसमें प्राचीनता और आधुनिकता का संगम हो । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इसी पर आधारित है। उन्होने शैक्षिक संगोष्ठी के विषय 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नेशनल क्यूरीकुलम फ्रेमवर्क के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा की रणनीति' पर विस्तृत चर्चा की। 
इस सम्मेलन तथा शैक्षिक संगोष्ठी में पूरे प्रदेश से लगभग सभी जिलों से अपेक्षा से अधिक प्रधानाचार्यो के प्रतिभाग करने से हाल में के अलावा गैलरी का प्रयोग करना पड़ा। 
संगोष्ठी में डॉ अनिल कुमार वर्मा, डॉ कुलदीप दूबे, डॉ आनंद प्रभा सिंह ने नई शिक्षा नीति 2020 के संबंध में विचार व्यक्त किए तथा माध्यमिक शिक्षा में इसे किस प्रकार प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा इस पर चर्चा की। सम्मेलन, संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सी0बी0एस0ई0 के पूर्व निदेशक तथा नई शिक्षा नीति 2020 के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अशोक गांगुली ने नई शिक्षा नीति 2020 में माध्यमिक शिक्षा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति में आधुनिक भारत तथा उसकी सफलताओं और चुनौतियों के प्रति प्राचीन भारत का ज्ञान और उसका योगदान सम्मिलित होगा तथा शिक्षा स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि के संबंध में भारत की भविष्य की आकांक्षाओं की स्पष्ट भावना विकसित होगी। 
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए प्रधानाचार्यों ने विद्यालयों को, अध्यापकों सहित, नई शिक्षा नीति 2020 के लिए तैयार करने की बारीकियाँ गांगुली से सीखी।  
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परंपरागत ज्ञान से लेकर भविष्योन्मुखी ज्ञान के मध्य संतुलन बनाया गया है। यह शिक्षा नीति हमें मैकाले की शिक्षा नीति से बाहर निकालेगी। मैकाले द्वारा दी गई शिक्षा नीति में भारत में शिक्षा है, लेकिन शिक्षा में भारत नहीं है। हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा तो होगी, साथ ही शिक्षा में भारत के दर्शन भी होंगे। हम बाबर, हुमायूँ, से बाहर निकलकर अपने देश के वास्तविक महापुरुष के बारे में पढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के तहत पुराने पाठ्यक्रमों को समाप्त कर नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू होंगे। 10 वीं कक्षा में 19 तथा 12 वीं कक्षा में 39 व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल किए जाएँगे, जिससे कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी के पास कम से कम एक स्किल अवश्य होगी। 
संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद वाराणसी डॉ0 विनोद कुमार राय तथा जिला विद्यालय निरीक्षक वाराणसी श्री अवध किशोर सिंह ने भी नई शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा की। 
सम्मेलन की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह एव संचालन प्रदेश महामंत्री सुखपाल सिंह तोमर तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ चारुचन्द्र राम त्रिपाठी ने किया। 
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के संरक्षक देवकृष्ण शर्मा, रविशंकर तिवारी, इंद्र भूषण सिंह पटेल, डॉ धर्मेंद्र कुमार मिश्रा, डॉ महेंद्र प्रताप सिंह, डॉ चंद्रमणि सिंह, डॉ आनंद प्रभा सिंह, डॉ प्रकाश सिंह, डॉ उमेश कुमार सिंह, डॉ रमाकांत मिश्रा, रामाश्रय सिंह, डॉ श्यामजीत सिंह यादव, डॉ प्रतिभा यादव, प्रियंका तिवारी, डॉ अंजु सिंह, श्रीमती संगीता आदि लोगों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए ।