गौतम बुद्ध नगर उद्यान बना कुडाघर, टहलने वाले थोक में ले जा रहे यहां से बिमारियां।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय सीट काशी में चल रहे स्वच्छता अभियान की हवा निकालने में कुछ विभाग लगें हुए जिसमें नगर निगम के कर्मचारी भी हैं। इनके उदासीनता के कारण गौतम बुद्ध नगर उद्यान कुडाघर बन चुका है। सुबह पार्क में टहलने वाले लोग नगर निगम के कार्यप्रणाली पर आक्रोशित हैं।
इसका उदाहरण लहुराबीर से चन्द कदम पर राम कटोरा सिथत गौतम बुद्ध नगर उद्यान है। खस्ताहाल हों चुके इस उद्यान के बाहर एक बोर्ड लगा हुआ है जिसपें लिखा हुआ कि यह 'पार्क सार्वजनिक है जिसका नियंत्रण नगर निगम वाराणसी के अधीन है'।
पार्क की चारदीवारी और लोहे के गेट जर्जर हालत मे हो चुके हैं, गेट तो बंद ही रहता है। लोग टहलने के लिए पार्क में अगल-बगल की तुटे हुए दिवार से अंदर जाते है। विगत काफ़ी महीनों से पार्क के अंदर कुडा पड़ा हुआ है। इस पार्क को गांजा, शराब पीने वाले नशेड़ियों ने अपना अड्डा बना लिया है, जो नशा करते हुए हर समय मिल जायेगे। चारों तरफ शराब की शीशी, पानी की बोतल, चीलम, सिगरेट के पैकेट के अलावा खाने पीने पैकेट पड़े रहते हैं।
पार्क में रोजाना टहलने लोगों ने बताया कि पार्क में नींबू, कटहल, नीम के साथ ही सुंदर फृलो के अनेकों पेड़ है परंतु नगर निगम के अधिकारियों द्वारा सही देखभाल नहीं होने से दयनीय दशा में है, कुछ हफ्ते पहले नगर निगम कर्मचारियों ने पेड़ों की कटाई छंटाई कर सब छोड़कर चले गए, पूरे पार्क में झाड़ झंकार पड़े हुए हैं अब हम लोगों के लिए टहलने की जगह भी नहीं बची है। इधर यही एक पार्क हम लोगो को टहलने के लिए बचा था वह भी कुडाघर बन गया है। इस गंदगी के कारण बिमारियां फैल रही है, मोदी जी का स्वच्छता अभियान, नगर निगम कर्मचारियों के उदासीनता के कारण मजाक बनकर रह गया है।