Kashi ka News एक करोड़ पार्थिव लिंगाकार शिवलिंग पुजन के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया

एक करोड़ पार्थिव लिंगाकार शिवलिंग पुजन के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया।

ब्यूरो चीफ आनन्द सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 20 नवम्बर, हैदराबाद की सुप्रसिद्ध संस्था श्री श्री श्री विजयानंद नाधा गुरु सेवा समिति के तत्वावधान में काशी के शिवाला स्थित चेतसिंह किला मैदान में काशी में पहली बार एक करोड़ पार्थिव लिंगाकार पूजन महोत्सव के अंतर्गत सोमवार को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वायलिन वादक पंडित सुखदेव मिश्र एवं साथी कलाकारों द्वारा पंचनाद की प्रस्तुति के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का श्री गणेश हुआ। 
पंडित सुखदेव मिश्र के साथ सितार पर पंडित ध्रुवनाथ मिश्रा, तबले पर पंडित किशोर मिश्रा ,बांसुरी पर सुधीर गौतम और पखावज पर अमित कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से पंचनाद की प्रस्तुति की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डॉ ममता टंडन एवं पंडित रविशंकर मिश्रा की युगल जोड़ी ने मनमोहन कथक नृत्य प्रस्तुत किया। सुप्रसिद्ध संगीतकार स्वर्गीय रविंद्र जैन जी के शिष्य पंडित राकेश तिवारी ने शिव भजनों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया ।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय महामंत्री शैलेश वर्मा, सुप्रसिद्ध समाजसेवी ब्रह्मराष्ट्र एकम के संस्थापक सचिन मिश्रा एवं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य के वेंकटरमण घनपाठी, निखिल चेतना केंद्रम, हैदराबाद के संस्थापक पूज्य अनिल कुमार जोशी, आदिनाथ संप्रदाय के पीठाधीश्वर कल्कि महाराज उपस्थित थे।
श्री श्री श्री विजयानंद नाधा गुरु सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मर्षि तंगीराला रामचंद्र साई, सचिव डॉ के वेंकट गंजाम, चक्रवर्ती विजय नावड ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया। 
इस अवसर पर पंडित के वेंकटरमण घनपाठी के नेतृत्व में चतुर्वेद पारायण किया गया। निखिल चेतना केंद्रम, हैदराबाद के संस्थापक पूज्य अनिल कुमार जोशीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
इससे पूर्व प्रातः दक्षिण भारत के वैदिक विद्वान पण्डित कृष्ण कौंडिल्या शर्मा के आचार्यत्व मे मुख्य पंडाल मे वैदिक अनुष्ठान संपन्न हुए। आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक करोड़ लिंगाकार शिवलिंग दर्शन हेतू खोल दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन चक्रवर्ती विजय नावड ने किया। 
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री राम तारक आंध्र आश्रम के संस्थापक वी वी सुंदर शास्त्री, अंबा प्रसाद, रघु जी, महालक्ष्मी, रघु बाबू सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।