Kashi ka News हरिश्चंद्र श्मशान में धधकतीं चिताओं के बीच अद्भुत चिता भस्म की होली संपन्न।

हरिश्चंद्र श्मशान में धधकतीं चिताओं के बीच अद्भुत चिता भस्म की होली संपन्न।

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 20 मार्च, धर्म-अध्यात्म की राजधानी कहीं जाने वाली नगरी काशी में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी रंगभरी एकादशी को काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति द्वारा अनोखे एवं अद्भुत चिता की भस्म से खेले जाने वाली मशाने की होली का आयोजन हरिश्चंद्र श्मशान घाट किया गया।  

समिति के पवन चौधरी के अनुसार बाबा श्मशाननाथ का भव्य शोभायात्रा सुबह 11 बजे रविन्द्र पुरी सिथत बाबा कीनाराम स्थल से निकल कर विभिन्न मांगों से तकरीबन दो किलोमीटर चलकर हरिश्चंद्र श्मशान घाट पर पहुंचा।

शोभायात्रा में शिव,काली आदि देवी-देवताओं के स्वरूप में कलाकारों ने अद्भुत प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे, हजारों की संख्या में शिवगणों, युवक -युवतियों का समूह के साथ विदेश सैलानी भी झूमते-गाते, नृत्य करते शामिल रहे।

शोभायात्रा में भगवान शिव का अघोरी स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे देखने के लिए सड़कों के अलावा श्मशान घाट पर भी लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे। इस अनोखे होली को हर कोई अपने मोबाइल व कैमरे में कैद करता हुआ नजर आ रहा था। 

बाबा श्मशाननाथ के पुजन के उपरान्त चिता भस्म की होली श्मशान में धधकतीं हुई चिताओं के बीच आरम्भ हुआ, चिता भस्म से देव रूवरूप धारण किए हुए कलाकारों के साथ हजारों की संख्या में युवकों का समूह व विदेशी पर्यटक भी होली खेलते नजर आये।

श्मशान घाट में धधकतीं चिताओं के बीच चिता भस्म से सभी को होली खेलते हुए इस अलौकिक एवं अद्भुत नजारे को देखकर देशी-विदेशी पर्यटक काफी आश्चर्यचकित होकर मशाने की होली का आनन्द ले रहे थे। 

मालूम हो कि काशी में चिता भस्म की होली विश्व प्रसिद्ध है, रंगभरी एकादशी को हरिश्चंद्र घाट पर रंगभरी एकादशी के दुसरे दिन मणिकर्णिका घाट पर चिता भस्म से होली खेली जाती है।