Kashi ka News केन्द्रीयकृत थी प्राचीन मिस्र की अर्थव्यवस्था- डॉ0 अफजल हुसैन

केन्द्रीयकृत थी प्राचीन मिस्र की अर्थव्यवस्था- डॉ0 अफजल हुसैन

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 25 अप्रैल, आर्य महिला पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा प्राचीन विश्व की सभ्यता विषयक आयोजित विद्या देवी व्याख्यान श्रृंखला के द्वितीय दिवस के अवसर पर मिश्र के आर्थिक संबंधों पर परिचर्चा हुई ।

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, बिहार के प्राचीन भारत एवं एशियाई अध्ययन विभाग से आये मुख्य वक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अफजल हुसैन जी ने व्याख्यान देते हुए कहा कि, प्राचीन मिस्र की सभ्यता की सफलता, नील नदी घाटी की परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की क्षमता से आंशिक रूप से प्रभावित थी। इस उपजाऊ घाटी में, उम्मीद के मुताबिक बाढ़ और नियंत्रित सिंचाई के कारण आवश्यकता से अधिक फसलों का उत्पादन होता था, जिसके कारण सामाजिक विकास और संस्कृति को बढ़ावा मिलना स्वाभाविक था। उपजाऊ जमीन में अलग-अलग प्रकार के अनाजों का उत्पादन किया जाता था । उत्पादन अधिक और सुगमता से होने से ही कृषिकर्म का अत्यधिक विकास हुआ और अधिशेष उत्पादन होने से व्यापार वाणिज्य आदि की भी खूब प्रगति हुई। राज्य की कृषि व्यवस्था व प्रशासनिक व्यवस्था, शासक के पूर्ण नियंत्रण में था। इस प्रकार मिस्र की अर्थव्यवस्था केंद्रीय कृत व्यवस्था थी। 

द्वितीय दिवस के व्याख्यान श्रृंखला का संचालन डॉ0 जयंत कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 कल्याणी मौर्या ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ0 रवि शंकर, डॉ0 अमित दुबे सहित, बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।