Kashi ka News. कारगिल विजय दिवस सेना के शौर्य, पराक्रम तथा बलिदान का प्रतीक है - हंसराज विश्वकर्मा

कारगिल विजय दिवस सेना के शौर्य, पराक्रम तथा बलिदान का प्रतीक है - हंसराज विश्वकर्मा

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 26 जुलाई, कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर अपने अदम्य साहस और शौर्य से दुश्मनों को परास्त करने वाले मां भारती के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा कारगिल विजय की 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुलाब बाग सिगरा स्थित पार्टी कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए एमएलसी व जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमारी सेवा के शौर्य, पराक्रम तथा बलिदान का प्रतीक है। युद्ध में देश की आन - बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले मां भारती के अमर सपूतों को हम सब शत-शत नमन करते हैं। 

इस दौरान महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में 25 साल पहले भारत के शूरवीरों ने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया और स्वर्णाक्षरों में नाम अंकित करा गए। युद्ध मई में शुरू हुआ और कारगिल विजय के जश्न से खत्म हो गया। 

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश आज कारगिल दिवस की 25वीं वर्षगांठ बना रहा है। कारगिल युद्ध भारत की जीत की याद दिलाता है। यह दिवस 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत की याद में मनाया जाता है। कारगिल युद्ध में 1999 में शुरू हुआ था, जब पाकिस्तान सेना ने भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में कारगिल जिले के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया था।

वक्ताओं ने कहा कि इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी, जिसमें कई अधिकारियों और जवानों ने शहादत दी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेवा ने कारगिल की चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस जीत के बाद भारत सरकार ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित किया। 

संगोष्ठी का संचालन महामंत्री जगदीश त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष रजत जायसवाल ने किया। 

इस दौरान मुख्य रूप से एमएलसी व जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, संजय सोनकर, जगदीश त्रिपाठी, आत्मा विशेश्वर, एड अशोक कुमार, मधुकर चित्रांश, साधना वेदांती, डॉ गीता शास्त्री, रजत जायसवाल, अमन सोनकर, मीडिया प्रभारी किशोर सेठ, डॉ रचना अग्रवाल, किशन कन्नौजिया, रौनी वर्मा, अरविंद सेठ सहित युवा मोर्चा के सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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