Kashi ka News. कंगना रनौत के बयान पर वाराणसी किसान कांग्रेस द्वारा प्रतिरोध जुलूस, एसीपी कैंट को सौंपा मांगपत्र।

कंगना रनौत के बयान पर वाराणसी किसान कांग्रेस द्वारा प्रतिरोध जुलूस, एसीपी कैंट को सौंपा मांगपत्र।

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 31 अगस्त को उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस द्वारा प्रदेशव्यापी आंदोलन भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिए गए किसानों पर आपत्तिजनक बयान के विरोध में वाराणसी मंडल के किसान कांग्रेस द्वारा वाराणसी शास्त्री घाट से प्रतिरोध जुलूस विरोध के स्वर में ज़िला मुख्यालय कचहरी पहुँचा वहाँ घेराव कर माँग पत्र एसीपी कैंट को सौंपा गया। शास्त्री घाट से प्रदर्शन के पूर्व वाराणसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रहे स्व देवेन्द्र सिंह जिनका कल इलाज के दौरान निधन हो गया था, उपस्थित सभी लोगो ने दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

कार्यक्रम का संयोजन किसान कांग्रेस वाराणसी के ज़िलाध्यक्ष दिलीप चौबे ने किया।

किसान कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष दिलीप चौबे ने कहा कि 13 माह चले किसान आंदोलन में 400 किसान संगठन, लाखों किसानों की मौजूदगी के बावजूद हिंसा नहीं हुई। 700 से अधिक किसान शहीद हुए लेकिन किसानों ने संयम नहीं खोया, बिल वापस हुआ, उसके बारे में बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान शहीद किसानों और देश के करोड़ों किसानों का अपमान है। बीजेपी का असली चेहरा इस बयान में प्रदर्शित हो रहा है यह बयान कंगना का नहीं बल्कि किसान विरोधी नरेंद्र मोदी के सोच को भी दर्शाता है। हम किसान कांग्रेस के लोग इस बयान की कड़ी निंदा करते है हम माँग करते है कीं ख़ुद नरेंद्र मोदी आगे आकर किसानों से माफ़ी माँगे, अन्नदाताओ का अपमान बर्दाश्त योग्य नहीं है। 

ज़िलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने संयुक्त रूप से कहा कि बीजेपी सांसद कंगना रानौत का लेटेस्ट बयान है कि “किसान आंदोलन में लंबी प्लानिंग थी, बांग्लादेश जैसी. और इसके पीछे चीन अमेरिका जैसी विदेशी शक्तियों काम कर रहीं हैं”। किसानों को बीजेपी नेताओं ने बहुत अपशब्द बोले हैं, अब उनकी सांसद अन्नदाताओं को हत्यारे और बलात्कारी भी बोल रहीं हैं, इसका जवाब हम नहीं बस कुछ दिनों में विधानसभा के चुनाव में समझ आएगा। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े किए गए हैं तो बीजेपी और सरकार को जवाब तो देना ही पड़ेगा और अगर ऐसा नहीं है तो यह सांसद कंगना रानौत कान पकड़ कर माफ़ी माँगें।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेन्द्र चौबे, दिलीप चौबे, प्रजानाथ शर्मा, फसाहत हुसैन बाबू, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, अशोक सिंह, सतनाम सिंह, अरुण सोनी, जितेंद्र सेठ, राजीव राम, विनोद सिंह, वकील अंसारी, संतोष मौर्य,अनुराधा यादव, पूनम विश्वकर्मा, वसीम अंसारी, हसन मेहदी कब्बन, आर सी पाण्डेय, अकील अहमद, सुनील राम, धर्मेंद्र तिवारी, रामजी गुप्ता, सुनील विश्वकर्मा, तुफैल अंसारी, मयंक चौबे, साजु पाण्डेय, असलम खान, राजेन्द्र गुप्ता, उमेश चंद गौड़, रोहित दुबे, पीयूष श्रीवास्तव, रामकेश यादव, आसिष केशरी, प्रमोद वर्मा, डिम्पल सिंह, अब्दुल हमीद डोडे, आसिष गुप्ता, मो उज्जैर, विनीत चौबे, आदिल, राकेश चंद्र, भोलानाथ यादव, गुरु प्रसाद, तौफीक कुरेशी, कुँवर बबलू बिंद, रमेश शर्मा, गौरव पाण्डेय समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।