Kashi ka News. आर्य महिला पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन।

आर्य महिला पीजी कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन।

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 23 अक्टूबर, आर्य महिला पीजी कॉलेज, चेतगंज के इतिहास विभाग एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘पीपुल्स क्वीन रानी लक्ष्मीबाई: द फेस एण्ड वॉइस ऑफ इंडियन रेसिस्टेन्स’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुआ।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रो सुनील कुमार विश्वकर्मा (विभागाध्यक्ष,डिपार्टमेंट ऑफ ललित कला विभाग,महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ) ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई देश के उन प्रारंभिक लोगों में से एक थी जिन्होंने स्वराज का न केवल अलख जलाया बल्कि उसमें अपने प्राणों की आहूति भी दी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में हमेशा के लिए रोशन हो गईं। इसके साथ ही उन्होंने लाइव चित्र बना कर रानी लक्ष्मीबाई की कहानी को सबके सामने रख।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रो रजनीश कुमार शुक्ला (विभागाध्यक्ष,संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) ने रानी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर बात करते हुए कहा कि उन्होंने जिन विकट परिस्थितियों में जो विविध कलाओं में शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त किया यह हमारी यूवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।संगोष्ठी के आज दूसरे दिन आयोजित कुल तीन तकनीकी सत्रों में शोधार्थीयों ने कुल 50 शोध पत्र प्रस्तुत किए। 

प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो संजीव कुमार एवं सह-अध्यक्षता डॉ रामजी द्विवेदी ने किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ श्रेया पाठक एवं सह-अध्यक्षता डॉ दिप्ती अग्रवाल ने किया। तीसरे और अंतिम सत्र की अध्यक्षता प्रो विश्वनाथ मिश्रा एवं सह-अध्यक्षता डॉ आसंग पाओ ने‌ किया।

डॉ अनामिका दिक्षित एवं डॉ जया राय व टीम ने मंगलाचरण एवं कुलगीत प्रस्तुत किया तत्पश्चात कॉलेज की प्राचार्या प्रो रचना दुबे ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रिपोर्ट संयोजिका डॉ अनिता सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ स्वाती. एस मिश्रा ने किया। राष्ट्रगान के साथ संगोष्ठी का सफल समापन हुआ।