Kashi ka News. जय-विजय लीला में भगवान के अवतार की लीला का हुआ मंचन।

जय-विजय लीला में भगवान के अवतार की लीला का हुआ मंचन।

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 30 नवम्बर, श्री सीताराम विवाह महोत्सव के पावन अवसर पर आयोजित 55वें श्री सिय पिय मिलन महामहोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को जय विजय लीला के अंतर्गत भगवान के अवतार प्रयोजन की लीला का मंचन हुआ।

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के दीक्षांत मैदान में ब्रह्मलीन परम पूज्य संत नारायण दास भक्तमाली (बक्सर वाले मामा जी) की सद्प्रेरणा से शुरू हुए नौ दिवसीय महोत्सव में भगवान के नृसिंह अवतार एवं बाराह अवतार की लीला मंचित ।हुई। कथाक्रम में भगवान के नित्य पार्षद जय-विजय का विभिन्न कल्पों में असुर कुल में जन्म हुआ, लीला में हिरणकश्यप एवं हिरण्याक्ष का भक्त प्रहलाद के कारण नृसिंह भगवान द्वारा उद्धार की कथा का मंचन हुआ। इसके अलावा भगवान के अन्य अवतार में से एक वाराह अवतार की लीला का भी अत्यंत भावपूर्ण मंचन हुआ। लीला के माध्यम से भगवान ने संदेश दिया कि उनके अवतार के दो ही कारण है पहला असुरों का अत्यधिक अत्याचार एवं दूसरा भक्तों, प्रेमियों की पुकार। भक्त प्रहलाद की पुकार ने भगवान को अवतार लेने के लिए विवश किया। 

सिय पिय मिलन महामहोत्सव के दूसरे दिन नवधा भक्ति की कथा श्रवण कराते हुए अयोध्या से पधारे संत प्रवर नरहरि दास महाराज ने कहा कि बिना सद्गुरु के शरण में गए भगवत प्राप्ति नही हो सकती। शबरी को अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए, उन्हें भोग भी अर्पित कर सकी तो उसका कारण भी सद्गुरु की कृपा ही रहा। प्रभु के दर्शन से पूर्व उन्हें मतंग ऋषि का सानिध्य प्राप्त हुआ, तब जाकर उन्हें प्रभु के दर्शन हुए। अर्थात जीवन में बिना सद्गुरु की कृपा के भगवान नही मिल सकते।

विशिष्ट प्रवचन देते हुए प्रेम सरोवर, वृन्दावन के पीठाधीश्वर स्वामी रामरस महाराज ने कहा कि काशी में आयोजित यह उत्सव स्वयं को धन्य करने का अवसर है। मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने माँ जानकी को शक्ति और भक्ति स्वरूपा मानकर उनकी आराधना की है। आरती में मुख्य रूप से सिया दीदी, उज्जैन के संत विशाल दास, प्रेम सरोवर सुदामा कुटी के गौतम बाबा, रामचरित्र दास, अशोक अग्रवाल गुरुकृपा, वेद अग्रवाल, श्याम सुंदर अग्रवाल, सुशील गुप्ता, विवेक गुप्ता, पवन बुधिया, आलोक मोदी आदि शामिल रहे।

श्री सीताराम विवाह महोत्सव के दूसरे दिन भी कार्यक्रम स्थल पर मिथिला के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। प्रातः सात बजे बक्सर से आई सिया दीदी की अगुवाई में महिलाओं ने खाकी बाबा सरकार द्वारा रचित 'बाबा की दुलारी बेटी, जानकी बेटी है', बक्सर वाले मामाजी द्वारा रचित 'अबटन ना लगउनी, इनकर बहिन महतरिया', 'पाहुन सलोने सुन्दर श्याम, हो रघुनन्दन प्यारे', 'जब से आये है रघुबर सरकार मिथिला' आदि मंगल गीतों से सम्पूर्ण प्रांगण आनन्दित कर दिया। समूह में उर्मिला, लाली, राधा, सुनीता अग्रवाल, दीपशिखा आदि महिलाएं शामिल रही। 

वहीं परिसर में स्थापित श्री हनुमान मंदिर मे श्रीरामचरितमानस नवाह्न परायण के दूसरे दिन बालकाण्ड की चौपाइयां गूँजती रही। मानस पाठ में प्रताप भानू की कथा का गान हुआ। वहीं अखण्ड कीर्तन भी भजन मण्डलियों द्वारा चलता रहा।

आयोजक द्वारा बताया गया कि सिय पिय मिलन महामहोत्सव के तीसरे दिन रविवार को प्रखर भागवत वक्ता देवकीनंदन ठाकुर के श्रीमुख से सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ अपराह्न 2 बजे होगा। इस मौके पर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिहारी लाल शर्मा, महापौर अशोक तिवारी, निदेशक पद्माकर मिश्रा, उद्यमी आर के चौधरी, अशोक अग्रवाल गुरुकृपा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। इसके पूर्व पूर्वाह्न 11 बजे धूपचण्डी मंदिर से विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी।