Kashi ka News. श्री शास्त्रार्थ महाविद्यालय में ज्योतिष ज्ञान कार्यशाला का हुआ समापन।

श्री शास्त्रार्थ महाविद्यालय में ज्योतिष ज्ञान कार्यशाला का हुआ समापन।

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 28 दिसम्बर, धर्म, कर्म, पाप व पुण्य आदि की धारणाएं व्यक्तिगत विश्वास पर आधारित है किंतु वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अवधारणा में ज्योतिष को सर्वोपरि विज्ञान के रूप में माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र को मानने या न मानने का निर्णय व्यक्तिगत विश्वास और अनुभव पर आधारित होता है। यदि इसे मार्गदर्शन और सचेत करने वाली विद्या के रूप में देखा जाए तो यह कई लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी इस पर शोध होना चाहिए। उक्त बातें शनिवार को दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में एक माह पर्यंत चले ज्योतिष ज्ञान शिविर के समापन अवसर पर प्रशिक्षक के रूप में ज्योतिषशास्त्र का पाठ बटुकों को पढ़ाने वाले ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने कही। 

उन्होंने कहा कि देश व राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इस विज्ञान का सहारा लेना चाहिए। इसके लिए हमारा प्रयास जारी है। 

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित कमलाकांत उपाध्याय ने अपने संबोधन में बताया कि ज्योतिष हमें भविष्य में होने वाली शुभाशुभ घटनाओं के लिए तैयार कर सकता है। जीवन में घटनाऐं समय अनुसार ही घटित होती हैं, भले ही हम और आप ज्योतिष शास्त्र को मानें अथवा न मानें परंतु इसके बोध से आत्म अनुशासन को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रपति पुरस्कृत पूर्व प्राचार्य डॉ गणेश दत्त शास्त्री, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद नारायण मिश्र ने माँ वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन किया। तत्पश्चात संस्था के बटुकों ने सामूहिक रूप से मंगलाचरण का पाठ किया। 

स्वागत करते हुए संस्था के प्राचार्य डॉ पवन कुमार शुक्ल ने बतलाया कि पिछले एक माह से यह शिविर निःशुल्क रूप से चल रहा था। लगभग 60 से ज्यादा बच्चों इसमें प्रतिभाग कर पंचांग व कुंडली निर्माण की बारीकियों को सीखा, आज इन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया है। महाकुम्भ के पश्चात फरवरी माह में एक बड़ा ज्योतिष सम्मेलन आयोजित करने की योजना है जिसमें "राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि में ज्योतिष शास्त्र" शीर्षक होगा, इसमें देश के अनेक संभागों से ज्योतिर्विदों की प्रतिभागिता सुनिश्चित होगी तथा अनेक अनसुलझे प्रश्नों का ज्योतिष के माध्यम से समाधान किया जाएगा।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद नारायण मिश्र अपने वक्तव्य में बोला की समाज के उत्थान हेतु जनेऊधारी ब्राह्मणों को ज्योतिषशास्त्र व पंचांग का ज्ञान रखना आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ गणेश दत्त शास्त्री ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से ज्योतिषाचार्य डॉआमोद दत्त शास्त्री, सुत्तिमय दास, डॉ देवदूत 'कोलकाता', डॉ अशोक पाण्डेय, विकास दीक्षित, पं रामलखन पाठक, आचार्य विशाल औढ़ेकर आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।