Kashi ka News. महामना व भारतरत्न अटल जी के पदचिन्हों पर चलना ही जीवन की सार्थकता-अशोक घायल

महामना व भारतरत्न अटल जी के पदचिन्हों पर चलना ही जीवन की सार्थकता-अशोक घायल 

ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना

वाराणसी। दिनांक 27 दिसंबर, रामकटोरा स्थित महामना मालवीय सभागार में गुरुवार को काशी सेवा समिति के सभापति डॉ राम अवतार पाण्डेय एडवोकेट के अध्यक्षता में काशी हिन्दी विद्यापीठ के कुलाधिपति कवि सुखमंगल सिंह मंगल एवं कुलसचिव कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक के प्रमुख संयोजन/संचालन और युवा कवि डॉ शिव प्रकाश साहित्य के सह संचालन में महामना मालवीय-अटल साहित्यिक, सांस्कृतिक, कला संगम, पुस्तक प्रदर्शनी, अनेकों रचनाकारों के पुस्तकों का विमोचन के दौरान एम के सरकार का जादू,आर डी हास्पीटल द्वारा सैकड़ों मरीजों का निःशुल्क परीक्षण, उपचार तथा औषधि वितरण प्रबंध निदेशक डॉ हिमांशु द्विवेदी और तृप्ति दूबे द्वारा किया गया।

उक्त अवसर पर विशेष मानद, मानद सम्मान विद्या- वाचस्पति, विद्या-सागर, साहित्य रत्न, हिन्दी साहित्य शिरोमणि आदि सम्मान भी काशी हिन्दी विद्यापीठ के कुलाधिपति कवि सुखमंगल सिंह मंगल, कुलसचिव कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक ने भेंट किया। पण्डित मदनमोहन मालवीय स्मृति सम्मान सोनभद्र के संजय देव पाण्डेय, पं अटल बिहारी वाजपेई स्मृति सम्मान सोनभद्र के संजीव सिंह काकू सहित अनेकों लोगों को भेंट किया गया।

उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि फिल्म निर्माता, निदेशक, फिल्म अभिनेता, संगीतकार अशोक घायल ने कहा कि महामना मालवीय एवं भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेई के पदचिन्हों पर चलकर ही मानव जीवन की सार्थकता है। 

आयोजन अध्यक्ष डॉ राम अवतार पाण्डेय एडवोकेट एवं सचिव डॉ एस एस गांगुली ने कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक के सराहनीय कृतित्व एवं व्यक्तित्व को विगत 1989 से अबतक लगभग तीन हजार आयोजनों के सफल संयोजन/संचालन को दृष्टिगत रखते हुए महामना मालवीय-अटल विशिष्ट मानव सम्मान भेंट किया गया। अतिविशिष्ट अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ हरिप्रसाद अधिकारी, श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, हिन्दी साहित्य भारती के काशी प्रान्त अध्यक्ष कन्हैया सिंह,आर डी हास्पीटल के प्रबंध निदेशक द्वय डॉ हिमांशु द्विवेदी एवं डॉ तृप्ति दूबे ने भी महामना मालवीय एवं भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेई के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

पंचदीप प्रज्वलन कर शुभारम्भकर्ता सार्जेंट अभिमन्यु पाण्डेय, गंगा सहाय पाण्डेय, डॉ ओमप्रकाश द्विवेदी ओम्, डॉ प्रमोद वाचस्पति, डॉ उदय शंकर भगत ने संयुक्त रूप से अपने-अपने संबोधन के दौरान कहां कि मानव जीवन की सार्थकता मानव सेवा ही है। जिससे जितना संभव हो करे।

डॉ रामअवतार पाण्डेय एडवोकेट की पुस्तक मेरे जाने के बाद, डॉ. तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की पुस्तक अल्फाज़, मधुसूदन पाण्डेय की पुस्तक गीत गोविन्द का विमोचन मुख्य अतिथि अशोक घायल सहित अनेकों विशिष्ट लोगों ने किया।

स्वागत संबोधन करते हुए काशी हिन्दी विद्यापीठ के उप कुलपति गिरीश पाण्डेय, सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, कोषपाल एवं लिगल एडवाइजर पवन कुमार सिंह एडवोकेट, हिन्दू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता, प्रतिष्ठित व्यवसाई भूपेन्द्र अग्रहरी, प्रिंस जायसवाल, डॉ राकेश प्रतापगढ़ी, भजन गायक गोपाल त्रिपाठी, भजन गायक अनुज दूबे, समदर्शी प्रकाशन दिल्ली के प्रकाशक कवि योगेश समदर्शी, मेरठ के कवि सुल्तान सिंह सुल्तान, विवेक कुमार बाजपेई सहित अनेकों लोगों ने किया।

बाल कलाकार यथार्थ दूबे का गायन, विशाल शर्मा का नाल वादन भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। सैकड़ों लोगों ने उक्त आयोजन में सहभागिता निभाया।

आयोजन के अन्त में धन्यवाद आभार कुलाधिपति कवि सुखमंगल सिंह मंगल एवं अखिल भारतीय लेखक कवि कलाकार परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद वाचस्पति ने किया।