गायन, वादन एवं नृत्य की त्रिवेणी से 34 वें शिवरात्रि संगीत महोत्सव का हुआ शुभारंभ।
ब्यूरो चीफ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 26 फरवरी, शहनाई की मंगल ध्वनि के साथ 34 वें शिवरात्रि संगीत महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
दुर्गाकुण्ड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में सेठ किशोरी लाल जालान सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु पूज्य रमेश भाई ओझा 'भाईश्री' के पावन सानिध्य में शुरू हुए संगीत महोत्सव की पहली निशा मुम्बई से आये ख्यात संतूर वादक पद्मश्री पं सतीश व्यास के नाम रही। इसके पूर्व महोत्सव का शुभारंभ जवाहर लाल एवं साथियों के शहनाई वादन से हुई। उन्होंने सबसे पहले राग यमन, तीन ताल में बंदिश सुनाई, उसके बाद होली धुन एवं अंत में राग मिश्र खमाज में दादरा की प्रस्तुतियां दी, उनके साथ तबले पर नंद किशोर मिश्रा, हारमोनियम पर अशोक झा, मंगल प्रसाद दुक्कड़ पर, सह शहनाई पर रोशन अली, राजेश कुमार एवं मोहन ने संगत दी।
दूसरी प्रस्तुति नवोदित कलाकार सुश्री अरिका क्याल एवं ऋचा जालान के कथक की रही, उन्होंने शिव वंदना एवं विष्णु वंदना से शुभारंभ किया। तत्पश्चात आमद, तोड़ा, टुकड़ा, परन और फिर 25 चक्कर से समापन किया। भावना क्याल ने राग किरवानी में निबद्ध बिरजू महाराज की रचना प्रस्तुत की। दादरा 'बिहारी को अपने बस कर पाऊँ' पर नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत मे तीनों ने होली गीत पर कथक प्रस्तुत कर समापन किया, उनके साथ बोल पढन्त पर गुरु संगीता सिन्हा, तबले पर पं किशोर मिश्रा, हारमोनियम पर आनन्द किशोर मिश्रा, सितार पर मितेश मिश्रा ने संगत किया।
तीसरी प्रस्तुति उप शास्त्रीय गायक भगीरथ जालान की रही। उन्होंने सबसे पहले राग हंसध्वनि में बंदिश छोटा ख्याल 'जय दुर्गे जगदम्बे भवानी' एवं तराना प्रस्तुत कर शुभारंभ किया। उसके बाद दादरा 'बैरन घर ना जा' प्रस्तुत किया। तत्पश्चात भजन 'शिव कैलाशों के वासी', 'केवट संवाद', 'देना है तो दीजिए जनम जनम का साथ' समापन किया। उनके साथ तबले पर पं ललित कुमार, हारमोनियम पर उज्ज्वल साहनी, बाँसुरी पर ऋतिक शुक्ला, तानपुरा पर वी श्रीदेवी श्रवानी ने संगत किया।
महोत्सव का शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु पूज्य रमेश भाई ओझा 'भाईश्री' ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं भगवान नटराज के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कलाकारों का स्वागत केशव जालान एवं कृष्ण कुमार जालान ने किया। इस मौके पर अशोक अग्रवाल, अतुल डिडवानिया आदि उपस्थित रहे। संचालन सौरभ चक्रवर्ती ने दिया।