पौराणिक आधार पर होगा काशी के मोहल्लों का नाम करण।
ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 27 मार्च, देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जानें वाली काशी के 50 मोहल्लों के नाम अब बदले जाने की तैयारी की जा रही है। इसमें संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्वान अपने-अपने स्तर से काम करेंगे। काशी खंडोक्त का उपयोग करके करीब 70 प्रतिशत मुस्लिम और 30 प्रतिशत हिंदू मोहल्लों के नाम बदलने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार औरंगाबाद का नाम परशुराम चौक और मदनपुरा का नाम पुष्पदंतेश्वर किया जा सकता है। आज गुरुवार शाम तक नाम बदलने का मसौदा फाइनल हो सकता है। विश्वविद्यालय के विद्वान पौराणिक मान्यताओं के आधार पर नाम को फाइनल कर रहे हैं, नाम फाइनल होने के बाद इसे नगर निगम को सौंप दिया जाएगा।
बताया जा रहा है की अगले 20 दिनों में नाम का फाइनल ड्राफ़्ट तैयार हो जाएगा, इसके बाद इसे वाराणसी नगर निगम की कार्यकारणी में रखा जाएगा, जहां विधिवत चर्चा के बाद नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। जिस मोहल्ले में पौराणिक देवी-देवता के मंदिर हैं उन्हीं के नाम पर मोहल्लों का नामकरण किया जा सकता है। अभी तक जो नाम तय किया गया हैं, उसमें खालिसपुरा का नाम ब्रह्मतीर्थ, मदनपुरा का पुष्पदंतेश्वर, औरंगाबाद का नाम परशुराम चौक, कज्जाकपुरा का नाम अनारक तीर्थ, अंबिया मंडी का अमरेश्वर तीर्थ तथा पीलीकोठी का नाम स्वर्ण तीर्थ फाइनल किया जा चुका है।
मालूम हो कि पिछले दिनों बीएचयू के एक कार्यक्रम में पहुंचे रामभद्राचार्य ने भी मुगलकाल की याद दिलाने वाले मोहल्लों का नाम बदलने की मांग की थी, जिसके बाद भाजपा के सभासदों में मेयर से मुलाक़ात कर नाम बदलने की मांग उठाई थी।