Kashi ka News. महाराज बलवंत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन।

महाराज बलवंत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन। 

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 29 मार्च, महाराज बलवंत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय गंगापुर, राजातालाब परिसर में प्राचार्य प्रोफेसर पुरुषोत्तम सिंह की अध्यक्षता में 'भारत में निर्वाचनात्मक लोकतंत्र के 1000 वर्ष मुद्दे समस्याएं एवं चुनौतियां' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर. के पांडेय विभागाध्यक्ष, विधि विभाग वी एस एस डी कॉलेज कानपुर तथा विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह प्राचार्य उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी व विषय प्रवर्तन प्रोफेसर रजनीश कुमार पटेल विधि संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय, डॉ राजू माझी विधि संकाय काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।

विषय परिवर्तन करते हुए प्रोफेसर रजनीश कुमार पटेल ने कहा कि शासन परिस्थितियों के अनुसार कार्य करें और निर्वाचनात्मक लोकतंत्र की यही महत्व है, साथ ही की भारत में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और प्रभावशीलता का अवलोकन दल- बदल विरोधी कानूनी के संदर्भ में भी किया जाना आवश्यक होगा । भारत में दल बदल विरोधी कानून की प्रभावशीलता में चुनाव आयोग की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। 

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को मापने के लिए किन प्रमुख मापदंडों का प्रयोग किया जाए यह महत्वपूर्ण है। चुनाव सुधारो के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को भारतीय संदर्भ में कैसे लागू किया जाए, उसपर विचार किया जाना चाहिए। 

डॉ राजू मांझी ने कहा कि राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता की कानूनी बाध्यता और चुनावी दल कदाचार को रोकने के लिए भारतीय न्यायपालिका को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में किस प्रकार सहयोग अपेक्षित हो उस पर विचार करना चाहिए। 

मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर के पांडेय ने कहा कि न्यायपालिका में मतदाता अधिकारो की रक्षा और निर्वाचन प्रक्रिया में समावेशन सुनिश्चित करना आवश्यक है। भारतीय चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कानूनी ढांचे को और प्रभावशाली बनाना होगा। संगोष्ठी का संचालन डॉ मृत्युंजय कुमार राय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन चंद्र प्रकाश शुक्ला ने किया।

संगोष्ठी में मुख्य रूप से प्रबंधक प्रो डी के मिश्रा, प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रोफेसर आलोक कुमार कश्यप, प्रोफेसर मंजु मिश्रा, डॉ संजीत कुमार, डॉ शिव कैलाश, डॉ दीपक श्रीवास्तव, शिव शंकर सरोज, ओंकार नाथ, राणा अभिषेक कुमार आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।