दिशा कमेटी का बैठक नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण-सांसद विरेंद्र सिंह
ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 7 अपैल, लगातार प्रयास के बावजूद आज लगभग 8-9 महीने बीत गए और केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गये नियम जिसमें साल में 4 बार दिशा कमेटी की बैठक होनी चाहिए। आज करीब 8-9 महीनें बीत जाने के बाद भी दिशा कमेटी की एक भी बैठक नहीं हो सकी। उक्त जानकारी चंदौली सपा सांसद विरेंद्र सिंह ने सोमवार को वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित कार्यालय पर एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि दिशा कमेटी एक ऐसी कमेटी होती हैं जिसके माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा जो योजनाएं चलायी जाती है उन योजनाओं की समीक्षा की जाती है ताकि योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुँच सके। यह भी तय किया जाता है कि सम्बंधित अधिकारी जनहित में काम कर रहे है अथवा नहीं, उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। विशेष रूप से मनरेगा में जो मजदूर हैं उनको भुगतान सही मिल रहा है या नहीं मिल रहा हैं। प्रधानमंत्री आवास और चिकित्सा व्यवस्था से लेकर वह तमाम योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री द्वारा कई गाँव गोद लिए गए हैं, उस गाँव की अद्यतन स्थिति क्या हैं? गोद लिए गए गाँव की स्थिति सुधरी है कि नहीं सुधरी, ये जनता के सामने आ जाए। प्रधानमंत्री के जनपद में दिशा कमेटी की बैठक का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण तथा अन्य जनपदों के लिए सही सन्देश नहीं दे सकता है।
सांसद ने कहा कि इस सन्दर्भ में कई पत्र प्रधानमंत्री व ग्रामीण विकास मंत्री सहित आयुक्त, वाराणसी मंडल और जिलाधिकारी, वाराणसी को लिख चुका हूँ। परन्तु इसका अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है, क्या वाराणसी की जनता को केंद्र सरकार द्वारा लागू योजनाओं के बारे में जानने का अधिकार भी नहीं है? क्षेत्र में भ्रमण के दौरान ग्रामीण जनता की कई छोटे-छोटे कार्यों के सम्बन्ध में मांग होती है जिसका तत्काल समाधान किया जाना आवश्यक भी होता है। हम उन कार्यों को प्रस्तावित भी करते है और उन एजेंसियों को कार्य आवंटित करते है जो उन कार्यों को तत्काल पूर्ण कर दे अन्यथा कार्य में देरी होने से जनता और नाराज होती है, इसके लिए भी कई बार सम्बंधित अधिकारी को बताया गया। संभवतः अधिकारी मेरी पीड़ा को समझेंगे और आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।
सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शराब नीति का उलंघन करते हुए गरीब समाज खासकर बिन्द, बियार, मल्लाह, आदिवासी, वनवासी, एवं अनुसूचित जातियों के बस्तियों के बीच देसी शराब ठेका खोलने का लाइसेंस दिया जा रहा हैं। जनपद चंदौली के ऐसे सभी ग्रामसभाओं के शराब ठेके के मालिक भारतीय जनता पार्टी के सक्रीय कार्यकर्ता है और उनके पीछे जो शक्तियां हैं वह शराब से जुड़े बड़े-बड़े माफिया हैं, जो इनका उपयोग 2027 के विधानसभा चुनाव एवं आगामी पंचायत चुनाव में शराब बांटकर वोट लुटने व उनका वोट प्रभावित करने की मंशा हैं। मै जल्द ही इलेक्शन कमीशन से मिलकर इस सन्दर्भ में गहराई से जांच करने की मांग करूँगा और बीजेपी की साजिश का पर्दाफाश भी करूंगा।