Kashi ka News. भारत माता मिशन के तत्वावधान में दलित रक्षा यज्ञ एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन।

भारत माता मिशन के तत्वावधान में दलित रक्षा यज्ञ एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन। 

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 30 अप्रैल, बंगलादेश एव पश्चिम बंगाल में मारे गए दलित हिन्दूओं की बलिदान इस देश की लोक चेतना का शाश्वत संघर्ष और लोक जागृति का परिणाम है। भारत की चिन्मय माटी अपनी ऋषि परम्परा और आम भारतीय के शाश्वत अनवरत संघर्षों से ही अपने अजर-अमर स्वरूप को धारण किये हुए हैं। उक्त विचार भारत माता मिशन के पीठाधीश्वर स्वामी विवेक चैतन्य महाराज ने मंगलवार को महमूरगंज के राम जानकी मंदीर के प्रांगण में आयोजित दलित रक्षा यज्ञ एवं श्रंद्धाजलि सभा के दौरान व्यक्त किया। 

मिशन के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ नीरज खन्ना कहा कि इस देश में जब कोई मरता है तो सबसे पहले उसकी जाति पूछी जाती है, लेकिन भारत की महान परम्परा की विरोधी मानसिकता वाली ताकतें दलित हिन्दूओं की बंगलादेश और पश्चिम बंगाल में हुई बलिदान को और उनके लम्बें संघर्षों के ऐतिहासिक तथ्य को छुपाने का राजनीतिक षड्यंत्र करते रहे। 

उन्होंने कहा कि बंगलादेश के निर्माण में पाकिस्तानी सेना से दलितों का संघर्ष और दलित माँ- बहनों का उत्पीड़न एवं उनकी बलिदान को हमेशा छुपाने का कार्य किया गया, इसे केवल हिन्दूओं का नरसंहार बताने का प्रयास किया गया ताकि दलित समाज लोना चमारिन, राजा सुहेलदेव आदि दलित संघर्ष की अपनी महान पंरपरा से वंचित रहे और हिन्दू समाज से हमेशा की तरह वह अपनी सक्रिय व क्रांतिकारी भूमिका में ना रहे। भारत को एक बार फिर से विधर्मियों के विरुद्ध दलित समाज के संघर्षों, बलिदान से जोडने के लिए मिशन द्वारा सम्पूर्ण भारत में जन जागृति अभियान चलाया जाएगा। 

चिन्मय भारत न्यास के अध्यक्ष पं अजीत मिश्र ने कहा कि भारत और अन्य देशों में सबसे अधिक दलित मां, बहनों का बलात्कार हुआ। बंगलादेश के दलित वीरांगनाओं ने भीषण अत्याचार के बावजूद " दुनियार हिंदू ऐक हो ऐक हो" का नारा देकर हिन्दूओं की संवेदना को जागृति करने का ऐतिहासिक कार्य किया। 

महामंत्री सरित सिंह ने सम्पूर्ण देश में मिशन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमो की जानकारी दी। भाजपा नेत्री मीना चौबे ने अध्यक्षीय भाषण में दलित चेतना के संघर्षों व योगदान पर प्रकाश डालते हुए अभी शहादत व संघर्षों को जारी रखने का संकल्प लिया। 

श्रंद्धाजलि सभा में मुख्य रूप से हिमांशु सिंह, सुनील राय एडवोकेट, बृजेश एडवोकेट, माधव प्रसाद पांडे एडवोकेट, मनोरमा, चंद्रशेखर सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे।