Kashi ka News. डॉ ऋषभ साह नें केराटोप्रोस्थेसिस दुर्लभ सर्जरी से लौटाई वृद्ध के आँखों की रोशनी।

 डॉ ऋषभ साह नें केराटोप्रोस्थेसिस दुर्लभ सर्जरी से लौटाई वृद्ध के आँखों की रोशनी। 

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 28 जून, जय बहादुर 60 वर्षीय को वायरल संक्रमण के कारण अपनी दृष्टि खोने के बाद 10 साल से अधिक समय से पूर्ण अंधकार में रह रहे थे। उनके 2 कॉर्नियल प्रत्यारोपण विफल हो गए थे और उन्होंने दृष्टि वापस पाने की सारी उम्मीद खो दी थी। जब वे साह अस्पताल वाराणसी आये तो कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ ऋषभ साह ने उन्हें केराटोप्रोस्थेसिस नामक दुर्लभ और जटिल सर्जरी के लिए योजना बनाई। यह सर्जरी आंख के अंदर एक कैमरा फिट करने के समान है। इस प्रक्रिया के लिए एक मचान के रूप में दान किए गए कॉर्निया की आवश्यकता होती है। जय बहादुर अब अपनी दृष्टि का 60% वापस पा चुके हैं और उनके अनुसार यह फिर से जन्म लेने जैसा था। इस जीवन बदल देने वाले अनुभव के बाद उन्होंने समाज से अपील की है कि नेत्रदान को हर परिवार की परंपरा बना दिया जाए ताकि उनके जैसे लोग फिर से दुनिया देख सकें। उक्त बातें डॉ ऋषभ साह ने बताया। 

उन्होने कहा कि ये बीमारियाँ मरीज़ और उसके परिवार पर भावनात्मक रूप से बहुत भारी पड़ती हैं। शल्य चिकित्सा कौशल के अलावा, उपचार के लिए डॉक्टर को मरीज़ के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाने की ज़रूरत होती है ताकि शारीरिक और मानसिक उपचार प्राप्त किया जा सके।