Kashi ka News. आपातकाल की बात भाजपा कर रही है जिसका इतिहास ही मुखबिरी व संविधान विरोधी रहा है- राघवेंद्र चौबे

 आपातकाल की बात भाजपा कर रही है जिसका इतिहास ही मुखबिरी व संविधान विरोधी रहा है- राघवेंद्र चौबे

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। दिनांक 25 जून, भाजपा द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पर हो रहे है टिप्पणी कार्यक्रम के विरोध में कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे की प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि आपातकाल की बात भाजपा कर रही है जिसका इतिहास ही मुखबिरी व संविधान विरोधी रहा है। देश के इतिहास को कलंकित करने का कार्य हमेशा आरएसएस ने किया गोडसे से लेकर सावरकर तक सभी संविधान विरोधी रहे है और सावरकर तो अग्रेजों से मुखबिरी करने की तनख्वाह तक लेते थे और आज उसी विचारधारा में पले बढ़े लोग आपातकाल पर संवाद कर रहे है। संविधान हमारे देश का वह विचार है जिसकी छाँव में लोकतंत्र को फलना-फूलना है, लेकिन भाजपा- मोदी सरकार बीते 11 सालों में इस मूल विचार को लगातार कमजोर करने में लगी हुई है।पिछड़ों, दलित/ आदिवासियों के अधिकारों की बात हो, भाईचारा एवं समता की बात हो या समाजिक सुरक्षा का मसला हो, बीजेपी को इन विचारों पर विश्वास नहीं है। आज हर राज्य/हर क्षेत्र में हो रही घटनाएँ इसकी गवाह हैं। आप अपने आसपास नज़र दौड़ाएँ आपको सच्चाई दिख जाएगी।11 साल से राज कर रही सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि वह देश के लोगों में समता, सुरक्षा एवं सम्मान के साथ आगे बढ़ने की भावना को प्रबल करती लेकिन आज समाज का हर व्यक्ति असुरक्षा एवं अनिश्चितता से घिरा हुआ है। महँगाई-बेरोज़गारी अपने चरम पर है। अपराधियों एवं आतंकियों के हौसले बुलंद हैं और मोदी सरकार- कभी कब्र खुदवाती है तो कभी संविधान हत्या दिवस मनाती है। हम कांग्रेस के लोग कहते हैं संविधान बचाओ वे कहते हैं संविधान हत्या दिवस मनाओ, चुनना आपको है कि आप वर्तमान को जीना चाहते हैं या भूतकाल में रहना पसंद है।कांग्रेस पार्टी पूरे देश में लगातार संविधान बचाओ आंदोलन चला रही है। इससे बीजेपी घबरा गई। जिनका देश की आज़ादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, जिनका संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, जिन्होंने संविधान का विरोध किया, उसकी कॉपी जलाई, वो कांग्रेस पार्टी को संविधान के ऊपर नसीहत दे रहे है। मोदी सरकार अपनी सारी नाकामियों पर परदा डालने के लिए रोज नए कार्यक्रम और नारे देती है।विफल विदेश नीति, महँगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, आर्थिक बदहाल, गरीब औऱ अमीर की बढती खाई, चंद उद्योगपतियों को नाजायज फायदा पहुंचाए जाने और बढती सांप्रदायिकता जैसे मसलों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। इस समय देश में अघोषित आपातकाल है, न ये सरकार संविधान की इज्जत करती है और न संसद की। इस समय यह देश अघोषित आपातकाल व आफतकाल पर खड़ा है। भाजपा यानि मोदी सरकार आपको 50 साल पहले और 40 साल आगे की बातों में उलझायेंगे, क्योंकि उनके पास वर्तमान में कुछ कहने को है ही नहीं आख़िर किस पर बात करेंगे? महीने से ज़्यादा हो गए फिर भी आतंकियों को ना पकड़ने की अपनी नाकामी पर? अमेरिका के सामने महामानव के सरेंडर पर? विफल विदेश नीति पर? भयावह बेरोज़गारी पर? कमरतोड़ महँगाई पर? अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई पर? अडानी महाघोटाले पर? दिनों दिन बढ़ते अपराध पर? अपने विधायकों और नेताओं की गुंडई पर? आय दिन होते रेल एक्सीडेंट पर? महिलाओं के ख़िलाफ़ जघन्य अपराधों पर? दरिंदों को संरक्षण देने पर? मीडिया को गोदी में बिठा कर गले में पट्टा पहनाने पर?वोटिंग में होती धांधली पर? लोगों का चुनाव संबंधित जानकारी जानने के अधिकार छीनने पर? विपक्ष को अपनी पालतू एजेंसी के माध्यम से प्रताड़ित करने पर? अपने ख़िलाफ़ उठने वाली हर आवाज़ का दमन करने पर? चंदा दो, धंधा दो की काली करतूतों पर? संसद से भाग खड़े होने पर? हर ज़िम्मेदारी से मुँह मोड़ने पर? अपने भोंडे भद्दे भाषणों पर? इस देश में लगातार नफ़रत की आग भड़काने पर? यह कोई बात कर ही नहीं सकते हैं! इसीलिए सिर्फ़ भूत और भविष्य की बातें करेंगे और देश की जनता को मूर्ख बनाएंगे। आज और अभी से इनका कोई लेना देना नहीं है, 11 साल से झुनझुना बजाने के अलावा और किया ही क्या है? देश 11 वर्षों से अघोषित आपातकाल और आफतकाल के चपेट में है।