संत वहीं जिसे देखते ही मन कीर्तन को हो जाए व्याकुल- बालव्यास
ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 29 जुलाई, प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पूज्य पं श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने कहा की सच्चा संत वहीं है जिसको देखते ही मन कीर्तन को व्याकुल हो जाये, देव दर्शन की इच्छा प्रबल हो जाए, वहीं संत है। दुनिया लेन देन सिखाती है, संत समर्पण सिखाते है। बिगड़े से बिगड़े जिसे कोई नही सुधार सकता उसे सिर्फ संत ही सुधार सकता है। महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में श्री काशी सत्संग सेवा समिति एवं श्री श्याम मण्डल ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रही सप्ताहव्यापी श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को संतो की महिमा का बखान करते हुए पं श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने कहा कि जिसकै जीवन मे समर्पण आ गया उससे ज्यादा धनवान, भाग्यवान इस दुनिया मे कोई दूसरा नही है। यह समर्पण का मार्ग संत ही बता सकता हैं। संतो का चरित्र आनंद का होता है, वे सुख-दुःख, राग-द्वेष से विरत होते है। संत बिना पूजा करने वालो पर भी अपनी कृपा न्यौछावर कर देता है, व्यक्ति कितना भी पापी हो यदि संत की शरण मे चला जाता है तो ईश्वर भी उसे स्वीकार कर लेते है।कलिकाल में सबसे बड़े संत हमारे सद्ग्रन्थ ही है। सत्संग संतो का जूठन है और यही जूठन हमारा बेड़ा पार करेगा। काशी महान संतो की भूमि रही है, आज भी सैकड़ो हजारों संत काशी की गलियों में विद्यमान है, बस उन्हें सही दृष्टि से ही पहचाना जा सकता है। कथा प्रसंग में भगवान के विभिन्न अवतारों की चर्चा करते हुए बालव्यास ने कहा कि भगवान के अनेक अवतार है लेकिन राम और कृष्ण अवतार पूर्णावतार है, इनमें सुई की नोंक के बराबर भी दोष नही है।उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी विपट्ट आये तो नश्वर का आश्रय नही लेना चाहिए, हमेशा शाश्वत का आश्रय ही लेना चाहिए। द्रौपदी पर विपदा आयी तो उसने सिर्फ कृष्ण का ही सहारा लिया। ईश्वर हर जगह किसी ना किसी रूप में मौजूद है, जब कोई गलत कार्य करने जा रहे हो और कोई रोक दी तो समझ जाओ वह ईश्वर ही है जिसने तुम्हे गलत मार्ग पर जाने से रोका। कथा का शुभारंभ व्यासपीठ के पूजन से हुआ। मुख्य यजमान बैजनाथ भालोटिया, विनोद भालोटिया, दीपक बजाज, मनोज बजाज, आयुष अग्रवाल, सुनील नोमानी ने सपत्नीक व्यासपीठ का साविधि पूजन किया। आरती में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, ओम प्रकाश ओझा, शांति देवी रूंगटा, अवधेश खेमका, मनीष मरोलिया, राजेश तुलस्यान, सुरेश तुलस्यान, यतीन्द्र कथूरिया, योगेश अग्रवाल पासावाले, कृष्ण कुमार काबरा, आंनद स्वरूप अग्रवाल आदि शामिल रहे। संचालन महेश चौधरी ने किया।कथा में समाजसेवी एवं पूर्व अध्यक्ष मारवाड़ी समाज राजकुमार केजरीवाल की पुस्तक रामायण गीता का पं श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने अपने कर कमलों से किया