श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर गुंजा "नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की"।
ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना
वाराणसी। दिनांक 31 जुलाई, महमूरगंज स्थित शुभम लॉन चल रही सप्ताहव्यापी श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन गुरुवार को उत्सव का माहौल रहा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा प्रसंग पर व्यासपीठ से जैसे ही कथा मर्मज्ञ पं श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने 'नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की' पद का गान किया, चहुओर बधाई हो, बधाई हो की अनुगूँज से कथा स्थल चहक उठा। टोकरी में नन्हे कृष्ण कन्हैया को लिए नंद बाबा की अत्यंत मनोहारी छवि देख श्रद्धालु निहाल हो उठे। नंदोत्सव के अवसर पर ढ़ोल की धुन पर श्रद्धालु खूब नाचते गाते एक दूसरे को बधाई देते रहे। पीत वस्त्र में गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा के बीच मंत्रमुग्ध महिला और पुरुषों ने भगवान के प्राकटय का उत्सव मनाया। श्री श्याम मण्डल ट्रस्ट एवं श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में चल रही कथा में भक्ति रसपान कराते हुए बालव्यास ने कहा कि माता पिता की सेवा को गोविन्द की सेवा समझने वालों के घर या तो संत जन्म लेते है या तो स्वयं भगवंत ही प्रकट हो जाते है। देवकी, बासुदेव ने कंस के बहुत अत्याचार सहे लेकिन उनके विश्वास और भजन के प्रताप से उनके यहाँ प्रभु ने स्वयं जन्म लिया और सृष्टि का कल्याण किया। जीवन मे कीर्तन बहुत जरूरी है परंतु यह कीर्तन सिर्फ कीर्ति बढ़ाने को नही हो, कीर्तन तो भगवान से प्रीति बढ़ाने वाला हो। बालव्यास ने देवाधिदेव महादेव की महिमा का बखान करते हुए कहा कि शिव दया के सागर है, जहाँ देवता और दानव दोनों ही अपने उद्धार के लिए पहुँचते है। समुद्र मंथन से जब हलाहल विष निकला तो देव, दानव दोनों ने शिव से ही अर्चना की। भागवत में उल्लेख है कि शिव, माता पार्वती से कहते है कि जब कोई किसी पर दया करता है तो हरि उस पर रीझ जाते है और जिनपर नारायण रीझ जाते है वह भवसागर तर जाता है। कथा प्रसंग में बालव्यास ने भक्त प्रहलाद की कथा, बलि वामन कथा, समुद्र मंथन, रामजन्म आदि प्रसंगों का वर्णन किया। कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मारवाड़ी युवा मंच अन्नपुर्णा शाखा ने नंदोत्सव का आयोजन किया। अध्यक्ष पूजा खेमका, नैना जैन, प्रीति प्रहलादका, प्रीति बाजोरिया के नेतृत्व में महिलाओं ने 'यशोदा मइया दे दो बधाई', प्यारा कन्हैया, 'जन्म लियो आज कृष्ण कन्हाई' आदि बधाई गीतों पर डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। समूह में सोनम, प्रिया, खुशबू, श्वेता, प्रियम्वदा, नेहा, ममता, अस्मिता, शशि, गुंजन, आराध्या, दित्या, निहारिका, रुचि, प्रीति, दिव्या आदि शामिल रही। यजमान राजेश अग्रवाल नंद बाबा, कुसुम अग्रवाल माता यशोदा एवं आद्या अग्रवाल कृष्ण के रूप में रहे। कथा का संचालन महेश चौधरी ने किया। कथा में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल रहे।