Kashi ka News. राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी पर कांग्रेसजनो में आक्रोश।

 राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी पर कांग्रेसजनो में आक्रोश।

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 

वाराणसी। बीजेपी प्रवक्ता प्रिंटु महादेव द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी देने जैसी शर्मनाक टिप्पणी को लेकर महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी की एक आपात बैठक अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे की अध्यक्षता मे की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया तथा प्रस्ताव के माध्यम से न केवल इस आपत्तिजनक बयान की कड़ी भर्त्सना की गई बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से यह मांग की गई कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा को और अधिक चाक-चौबंद किया जाए। राघवेंद्र चौबे ने इस अवसर पर कहा कि राहुल गांधी न केवल कांग्रेस पार्टी के नेता हैं बल्कि आज भारत की जनता की आवाज़ भी हैं। उन पर इस प्रकार की धमकी लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि आज़ादी के बाद से गांधी परिवार के कई सदस्यों पर प्राणघातक हमले हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसे में राहुल गांधी की सुरक्षा सिर्फ कांग्रेस की नहीं बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है। जनता के बीच यह चर्चा है कि जब लोकतंत्र के सबसे बड़े मंच संसद में विपक्ष के नेता को ही खुलेआम धमकी दी जा रही है जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस मामले में सिर्फ निंदा ही नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई भी की जानी चाहिए ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। चौबे ने कहा कि जब लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज़ को ही दबाने की कोशिश की जाएगी और उसे डराने-धमकाने का प्रयास होगा, तो यह देश की आत्मा पर सीधा प्रहार है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे न केवल राहुल गांधी बल्कि हर उस जननेता की सुरक्षा सुनिश्चित करें जो जनता की बात संसद में रखता है। भाजपा नेतृत्व को अपने प्रवक्ता पर कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की असंवैधानिक और असंस्कारी भाषा का इस्तेमाल करने का साहस न कर सके। बैठक में राघवेन्द्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, डॉ राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह, वकील अंसारी, अरुण सोनी, रमजान अली, मयंक चौबे, नरसिंह दास वर्मा, हसन मेंहदी कब्बन, प्रमोद वर्मा, सदानंद तिवारी, पीयूष श्रीवास्तव, अरविन्द कुमार, आशिष केशरी, खालिद सिद्दीकी, मनोज वर्मा मनु, अफसर खां, बह्मदत्त, वंदना जयसवाल, संतोष चौरसिया, शशी सोनकर, रितेश चौरसिया समेत अन्य कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।