Kashi ka News. दालमंडी चौड़ीकरण़ के नाम पर सरकार रोजगार की हत्या कर रही है-राघवेंद्र चौबे

दालमंडी चौड़ीकरण़ के नाम पर सरकार रोजगार की हत्या कर रही है-राघवेंद्र चौबे

ब्यूरो चीफ़ आनंद सिंह अन्ना 
वाराणसी। दाल मंडी चोली कारण प्रकरण को लेकर महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि वाराणसी की ऐतिहासिक व्यापारिक पहचान दालमंडी को चौड़ीकरण के नाम पर उजाड़ने की साज़िश हुई है। जिस दालमंडी ने वर्षों से वाराणसी की अर्थव्यवस्था और संस्कृति को अपनी मेहनत से संजोया, आज वही दालमंडी इस तानाशाह सरकार की बुलडोज़र नीति का शिकार बन रही है। दालमंडी कोई साधारण इलाका नहीं, बल्कि वाराणसी के श्रमशील व्यापारी वर्ग की धड़कन है। तानाशाह सरकार के इस कदम से करीब दस हज़ार लोगों का रोज़गार सीधे तौर पर खतरे में पड़ गया है। यह सिर्फ दुकानों का मामला नहीं, बल्कि हज़ारों परिवारों की आजीविका का प्रश्न है।दालमंडी सिर्फ एक बाज़ार नहीं, बल्कि वाराणसी के छोटे बड़े मध्यम वर्गीय व्यापारियों की आत्मा है, यहाँ सालो से हर बाने के लोग और मेहनतकश लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं। लेकिन सरकार ने बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था, बिना किसी ठोस पुनर्वास योजना के अंधाधुंध तोड़फोड़ की तैयारी शुरू कर दी है। हम कांग्रेस जन पहले भी दालमंडी के पीड़ित दुकानदारों से मिल चुके है कांग्रेस ने उस वक्त भी आवाज़ उठाई थी और आज भी उनकी लड़ाई में कांग्रेस मजबूती से उनके साथ खड़ी है। परंतु निकम्मी सरकार ने न तब सुना था, न अब सुन रही है। सरकार का रवैया बेहद असंवेदनशील और दमनकारी है। इस सरकार में रोज़गार तो किसी को मिला नहीं, उल्टा जिनके पास था वो भी छीना जा रहा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में विकास के नाम पर गरीबों की रोटी छीनी जा रही है। अगर यही विकास है, तो जनता को ऐसा विकास नहीं चाहिए जो रोज़गार उजाड़ दे।